क्या नेहरू ने वाकई में कहा था- ‘मैं शिक्षा से ईसाई, संस्कृति से मुस्लिम, दुर्भाग्य से हिन्दू हूं’.. जानिए सच..

Webdunia
गुरुवार, 29 नवंबर 2018 (18:09 IST)
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का एक कथित बयान सोशल मीडिया पर पिछले कई सालों से घूम रहा है। इस बयान के अनुसार, नेहरू ने कहा था- ‘मैं शिक्षा से ईसाई, संस्कृति से मुस्लिम, दुर्भाग्य से हिन्दू हूं’। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने यह दावा किया है कि यह बयान नेहरू का है। अमित मालवीय ने 2015 में इस बयान को ट्वीट किया था, जबकि पात्रा कई बार TV पर बहस के दौरान नेहरू के इस कथित बयान का जिक्र करते आए हैं। लेकिन इस बार अखबार की एक कटिंग ट्विटर पर वायरल हो रही है, जो यह दावा करती है कि यह बयान नेहरू का है।
 
वायरल कटिंग में आप देख सकते हैं कि अखबार Deccan Chronicle के हैदराबाद एडिशन ने 18 नवंबर को इस बयान को नेहरू का बताते हुए छापा था।
 
क्या है वायरल बयान का सच?
 
हमने पड़ताल शुरू की तो हमें Gaurav Pandhi नाम के यूजर का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में गौरव ने नेहरू के कथित बयान को लेकर Deccan Chronicle की तरफ से स्पष्टीकरण और माफीनामा की कटिंग पोस्ट की थी।

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We all welcome this correction, clarification & apology from @DeccanChronicle on its Hyderabad edition today, 25th Nov 2018 Pg 9! pic.twitter.com/38yxZ31KHI

— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) November 25, 2018 >
 
हमने जांच आगे बढ़ाई तो हमें जाने माने इतिहासकार बाल राम नंदा की किताब The Nehrus: Motilal and Jawaharlal में वह वायरल बयान मिला। नंदा के अनुसार, हिंदू महासभा के नेता एनबी खरे ने नेहरू को ‘शिक्षा से ईसाई, संस्कृति से मुस्लिम, दुर्भाग्य से हिन्दू’ बताया था।
 
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपनी किताब Nehru: The Invention of India में इस कोटेशन को एनबी खरे के हवाले से ही लिखा है।

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