इन दिनों अपनी पार्टी का प्रचार करने से ज्यादा विरोधी पार्टियों का दुष्प्रचार करना राजनीतिक पार्टियों का एजेंडा बन गया है, और इसके लिए एक नया आसान प्लेटफॉर्म भी मिला गया है.. सोशल मीडिया। एक वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर हो रहा है, जिसमें कुछ लोग सोलर पैनल को नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सोलर पैनल तोड़ रहे हैं।
क्या है वायरल वीडियो में..
वायरल वीडियो में आवाज़ साफ सुनाई नहीं दे रही है, लेकिन एक महिला और एक पुरुष सोलर पैनल को तोड़ते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के साथ एक मैसेज लिखा जा रहा है-
अब जानते हैं.. सच क्या है..
जब हमने Solar Plant vandalized कीवर्ड डालकर गूगल पर सर्च किया तो हमें पता चला कि यह वीडियो मार्च में भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। लेकिन हैरत की बात यह है कि इस वीडियो से जुड़े मैसेज में एक दूसरी ही कहानी थी। मार्च में दावा किया गया था कि भाजपा सांसद अशोक सक्सेना ने कहा कि यदि जनता सोलर एनर्जी का प्रयोग करेगी तो सूर्य देवता नाराज हो जाएंगे। इसके बाद भाजपा समर्थकों ने सोलर पैनल को तोड़ दिए थे।
लेकिन यह दोनों ही दावे झूठे हैं। इस घटना के पीछे न तो राजनीति है और न ही अंधविश्वास। दरअसल, यह वीडियो महाराष्ट्र के चालीसगांव का है। Climate Samurai की 15 फरवरी की रिपोर्ट के अनुसार चालीसगांव में 100 मेगावाट के सोलर प्लांट में काम करने वाले मजदूर वेतन न मिलने से नाराज थे और सोलर पैनल तोड़कर उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन किया था। आपको बता दें कि Climate Samurai एक न्यूज पोर्टल है, जो नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु से संबंधित खबरों पर केंद्रित है।
हमारी पड़ताल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने लिए कांग्रेस समर्थकों द्वारा सोलर पैनल को नुकसान पहुंचाने का दावा करने वाला यह वीडियो झूठा साबित हुआ।