‘झुमरी तलैया’ – यह नाम सुनकर आपके दिमाग में क्या ख्याल आता है.. क्या आप भी यही सोचते हैं कि यह कोई काल्पनिक जगह है, तो जान लीजिए जनाब.. ‘झुमरी तलैया’ नाम की जगह हकीकत में है, जो कि झारखंड के कोडरमा शहर की दामोदर नदी घाटी का एक छोटा लेकिन मशहूर कस्बा है। आपको बता दें कि इस कस्बा का नाम वैसे तो ‘झुमरी तिलैया’ है, लेकिन यह ‘झुमरी तलैया’ के नाम से भी प्रसिद्ध है।
‘झुमरी तलैया’ नाम कैसे पड़ा..
‘झुमरी तलैया’ दो नामों से मिलकर बना है- ‘झुमरी’ और ‘तलैया’। ‘झुमरी’ नाम यहां के स्थानीय सांस्कृतिक नृत्य ‘झुमरी’ के नाम से लिया गया है, जबकि ‘तलैया’ शब्द हिन्दी शब्द ‘ताल’ से आया है जिसका अर्थ है ‘तालाब’। कहा जाता है कि दामोदर नदी में आने वाली विनाशकारी बाढ़ को रोकने के लिए बनाए गए तलैया बांध के कारण इसके नाम के साथ तलैया जुड़ा। इस बांध का ऐतिहासिक महत्व भी है क्योंकि यह आजादी के बाद देश में बनाया गया पहला बांध है।
‘झुमरी तलैया’ का रेडियो से खास कनेक्शन..
क्या आपको पता है कि ‘झुमरी तलैया’ के रेडियो प्रेमी श्रोता विविध भारती के फरमाइशी कार्यक्रमों में सबसे ज्यादा चिट्ठियां लिखने के लिए जाने जाते थे! आजकल तो एफएम का जमाना है, लेकिन आप अपने पापा-मम्मी या दादा-दादी से पूछ सकते हैं, जिन्होंने विविध भारती का वह जमाना देखा है। यह बात है 1950 के दशक की.. जब भारत में टीवी आया नहीं था और रेडियो ही मनोरंजन का जरिया था। उस दौरान विविध भारती लोगों के बीच खासा चर्चित था।
इसी दौर में विविध भारती के फरमाइशी कार्यक्रमों में गाने चलाने के लिए जो चिट्ठियां आती थीं, उनमें सबसे बड़ी संख्या ‘झुमरी तलैया’ से ही होती थी। इस कस्बे के श्रोता तो आपस में एक प्रतियोगिता-सी किया करते थे कि एक दिन या महीने में रेडियो पर कौन सबसे ज्यादा अपनी पसंद के गाने चलवाता है। रामेश्वर प्रसाद बर्णवाल, गंगा प्रसाद मगधिया और नंदलाल सिन्हा तो अपना नाम लगभग रोज ही इस कार्यक्रम में बुलवाने में सफल रहे। इस तरह विविध भारती के श्रोता ‘झुमरी तलैया’ नाम से परिचित हो गए।
बॉलीवुड ने ‘झुमरी तलैया’ को बनाया लोकप्रिय..
बॉलीवुड ने भी ‘झुमरी तलैया’ को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है। हिंदी फिल्मों के कई गीतों में इस नाम का इस्तेमाल किया गया था, जैसे फिल्म ‘हसीना मान जाएगी’ 1968) का गीत ‘मैं झुमरी तलैया जाऊंगी, सैंया तोरे कारण’ और 1975 की फिल्म ‘मोंटो’ का गीत ‘मैं तो झुमरी तलैया से आई हूं’। फिल्मों के गीतों ही नहीं, डायलॉग्स ने भी इस छोटे-से कस्बे के नाम को अमर बना दिया। हाल ही में आई रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की फिल्म ‘जग्गा जासूस’ ने एक गीत के जरिये फिर से इस प्रसिद्ध कस्बे का तार्रूफ सबसे करवया- ‘मेरा गांव झुमरी तलैया है, तेरा गांव शायद तिंबकटू’।
‘झुमरी तलैया’ का इतिहास..
झुमरी तलैया सिर्फ रेडियो श्रोताओं के लिए ही प्रसिद्ध नहीं रहा, बल्कि यह कस्बा एक समय अपनी अभ्रक की खदानों के लिए भी बहुत मशहूर था। 1890 में कोडरमा के आसपास रेल की पटरी बिछाने के दौरान यहां अभ्रक की खानों का पता चला, इसके बाद ही यहां कई खनन उद्योग अस्तित्व में आए। सबसे ज्यादा अभ्रक USSR को निर्यात किया जाता था, जिसका प्रयोग वहां अंतरिक्ष और सैनिक उपकरणों में होता था।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस छोटे से झुमरी तलैया में समृद्ध अभ्रक व्यापारियों ने कई विला और आलीशान घर भी बनाए। 1960 के दशक में तो मर्सिडीज और पोर्श जैसी कारें झुमरी तलैया में दिखना आम-सा हो गया था। झुमरी तलैया के नाम एक समय सबसे ज्यादा फोन कनेक्शंस और फोन कॉल करने का रिकॉर्ड भी है। लेकिन 90 के दशक में USSR के विघटन और अभ्रक के क्रृत्रिम विकल्प की खोज के बाद खनन कारोबार में उतार का दौर शुरू हो गया।
कैसे पहुंचे ‘झुमरी तलैया’
Photo credit: jhumritelaiyacity.blogspot.com
हवाई मार्ग-
झुमरी तल्लैया का नजदीकी हवाई अड्डा राँची (162 किलोमीटर) है। पटना इससे 175 किलोमीटर दूर स्थित है। पर्यटक यहां से बस या कैब के जरिये झुमरी तल्लैया पहुंच सकते हैं।
ट्रेन मार्ग-
झुमरी तल्लैया का अपना रेलवे स्टेशन है, जिसका नाम है कोडरमा रेलवे स्टेशन। ये रेलवे स्टेशन बड़े-बड़े शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, भुवनेश्वर से कई ट्रेनों के जरिये जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग-
झुमरी तल्लैया सड़क से अच्छे से जुड़ा हुआ है। आप नेशनल हाइवे 31 ले सकते हैं जो कि राँची-पटना रोड कहलाता है। यह ग्रांड ट्रंक रोड से 23 किलोमीटर दूर स्थित है।