पश्चिम बंगाल में छिटपुट हिंसा के बीच 80.43 प्रतिशत मतदान, ममता ने बूथ से राज्यपाल को लगाया फोन

Webdunia
गुरुवार, 1 अप्रैल 2021 (20:18 IST)
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा के दूसरे चरण के गुरुवार को हुए चुनाव के दौरान 75 लाख मतदाताओं में से 80.43 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और इसके साथ ही 171 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद हो गया।
 
दूसरे चरण के इस चुनाव में राज्य की 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 171 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है।
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चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि साढ़े पांच बजे तक बांकुड़ा जिले में सबसे अधिक 82.78 फीसदी मतदान हुआ जबकि दक्षिण 24 परगना जिले में सबसे कम 79.66 प्रतिशत मतदान हुआ। इन क्षेत्रों में मतदान सुबह साढ़े 6 बजे शुरू हुआ।
 
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मोयना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कार्यकर्ताओं की ओर से मतदान केंद्र पर कब्जा करने की शिकायत की है। शिकायत में दावा किया गया कि भाजपा कार्यकर्ता ईवीएम पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे और बूथ पर धांधली कर रहे थे।
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मतदान केंद्र पर तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था।  इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में आज हुई घटनाओं के मद्देनजर राज्यपाल जगदीप धनकड़ से टेलीफोन पर बातचीत कर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का आग्रह किया।
सुश्री बनर्जी दिन में यहीं रहीं और उनकी मौजूदगी से भाजपा तथा तृणमूल के बीच जोरदार हंगामा देखने को मिला।

नंदीग्राम के गोकुल नगर में एक बूथ के बाहर दोनों पार्टियों के सैंकड़ों कार्यकर्ता देखे गए। उनके यहां पहुंचने के बाद दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में जोरदार झड़पें देखने को मिली थीं और जैसे ही वे यहां पहुंची तो लोगों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।

सुश्री बनर्जी ने कहा कि दूसरे राज्यों से गुंडे यहां आकर हंगामा कर रहे हैं और जो लोग नारे लगा रहे हैं, वे बाहरी लोग हैं। ये लोग बिहार और उत्तरप्रदेश के हैं और केन्द्रीय सुरक्षा बल इनकी हिफाजत कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल मतदाताओं को मतदान नहीं करने दे रहा है तथा सीआरपीएफ वास्तविक मतदाताओं को नंदीग्राम के बूथ नंबर सात में नहीं जाने दे रही है।
 
भाजपा कार्यकर्ता बनर्जी के यहां से जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री बाहर से अपने साथ लोगों को लाई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और अर्द्धसैनिक बल स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच एक महिला समर्थक ने कहा कि एक खास समुदाय के लोग उनसे नफरत करते हैं और वे तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने यहां आई हैं।
 
बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा का समर्थन कर रहा है। चुनाव के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कैसे चुनाव रैली के आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई। (वार्ता)

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