PM मोदी ने साधा ममता पर निशाना, बोले- खुद को समझती हैं संविधान से ऊपर, हो जाएंगी पूर्व मुख्‍यमंत्री...

Webdunia
शनिवार, 17 अप्रैल 2021 (18:18 IST)
आसनसोल/ गंगारामपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती हैं और साथ ही दावा किया कि उन्होंने राजनीति के लिए झूठे आरोप लगाए तथा केंद्रीय बलों और सेना तक को बदनाम किया। उन्होंने अन्य कई मुद्दों पर ममता बनर्जी को निशाने पर लिया और दावा किया कि 2 मई को पश्चिम बंगाल की जनता उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री का प्रमाण पत्र देने वाली है।

राज्य के छह जिलों की 45 विधानसभा सीटों पर पांचवें चरण के तहत हो रहे मतदान के बीच प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के औद्योगिक शहर आसनसोल और दक्षिण दिनाजपुर के गंगारामपुर में दो रैलियों को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण, महिला सुरक्षा, दलितों का अपमान सहित अन्य कई मुद्दों पर ममता बनर्जी को निशाने पर लिया और दावा किया कि दो मई को पश्चिम बंगाल की जनता उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री का प्रमाण पत्र देने वाली है।

लाशों पर राजनीति करने को तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष की पुरानी आदत बताते हुए प्रधानमंत्री ने 10 अप्रैल को कूचबिहार जिले के सीतलकूची में हुई हिंसा की घटना का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि उन्होंने पांच लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर राजनीति करने की कोशिश की।

आसनसोल में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण सहित अन्य मुद्दों पर बुलाई गई बैठकों में ममता बनर्जी की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए आरोप लगाया कि दीदी अपने अहंकार में इतनी बड़ी हो गई हैं कि हर कोई उन्हें अपने आगे छोटा दिखता है।

उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने अनेक बार अनेक विषयों पर बात करने के लिए बैठकें बुलाई हैं, लेकिन दीदी कोई न कोई कारण बताकर इन बैठकों में नहीं आती हैं। कोरोनावायरस को लेकर बुलाई गई पिछली दो बैठकों में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आईं।

उन्होंने कहा कि यही नहीं, नीति आयोग की संचालन परिषद और गंगा की सफाई के लिए बुलाई गई बैठकों में भी वह नहीं आईं। उन्होंने कहा, एक दो-बार ना आना तो समझ में आता है, लेकिन दीदी ने यही तरीका बना लिया है। दीदी बंगाल के लोगों के लिए कुछ देर का समय नहीं निकाल पाती हैं। यह उन्हें समय की बर्बादी लगती है।

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्रीय दल जब जांच में सहयोग या फिर भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए राज्य में आते हैं तो उन्हें रोकने के लिए मुख्यमंत्री पूरा जोर लगा देती हैं जबकि अपने तोलाबाजों को कोरोना के दौरान भेजे गए राशन को लूटने की खुली छूट देती हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, दीदी, केंद्रीय वाहिनी ही नहीं, सेना तक को बदनाम करती हैं और राजनीति के लिए झूठे आरोप लगाती हैं। दीदी खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती हैं। उनकी आंखों पर अहंकार का पर्दा चढ़ा हुआ है।

मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या के मामलों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की राजनीति सिर्फ विरोध और गतिरोध तक सीमित नहीं है बल्कि प्रतिशोध की खतरनाक सीमा को भी पार कर गई है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कूचबिहार के सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच बातचीत के एक ऑडियो क्लिप का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उन पर लाशों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, दीदी, वोटबैंक के लिए कहां तक जाएंगी आप? सच्चाई ये है कि दीदी ने कूचबिहार में मारे गए लोगों की मृत्यु से भी अपना सियासी फायदा उठाने की सोची। शवों पर राजनीति करने की दीदी को बहुत पुरानी आदत है।

भाजपा द्वारा शुक्रवार को यह ऑडियो क्लिप जारी किए जाने के बाद राज्य की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। तृणमूल कांग्रेस ने ऑडियो क्लिप को फर्जी करार दिया और कहा कि इस तरह की कभी कोई बात नहीं हुई।

बहरहाल, प्रधानमंत्री ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के लोगों में ममता बनर्जी के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है और दो मई को उनकी सरकार जानी तय है। उन्होंने दावा किया, दो मई को पश्चिम बंगाल की जनता दीदी को एक प्रमाण पत्र देने वाली है और वह है पूर्व मुख्यमंत्री का। दीदी, इस प्रमाण को लेकर फिर घूमते रहना।

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि चार चरणों के मतदान के बाद तृणमूल कांग्रेस टूट चुकी है और आठवें चरण का मतदान होते-होते मुख्यमंत्री बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी गायब हो जाएंगे। आसनसोल में 26 अप्रैल को सातवें चरण के तहत मतदान होना है।

ज्ञात हो कि ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक तृणमूल कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। सत्ता की हैट्रिक के लिए तृणमूल कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है और भाजपा उसके समक्ष कठिन चुनौती पेश कर रही है।

आयुष्मान भारत और किसान सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू ना करने के लिए ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि दीदी ने बीते दस सालों में विकास के नाम पर जनता के साथ सिर्फ विश्वासघात किया है।

उन्होंने कहा, विकास के हर काम के आगे दीदी दीवार बनकर खड़ी हो गई हैं। बंगाल की भाजपा सरकार, आपका लाभ कराने वाली हर उस योजना को लागू करेगी, जिन्हें दीदी की सरकार ने रोका हुआ है। मोदी ने कहा कि यहां सालनपुर, बाराबनी, जमुरिया रानीगंज, उखड़ा, बल्लालपुर से लेकर बांकुड़ा बॉर्डर तक अवैध कोयला खनन का साम्राज्य फैला हुआ है और यहां का कोयला, रेत और दूसरे खनिजों का काला माल कहां तक और किस-किस तक पहुंचता है, ये हर कोई जानता है।
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उन्होंने कहा कि मां-माटी-मानुष की बात करने वाली दीदी ने यहां हर तरफ माफिया राज फैला दिया है। गंगारामपुर की रैली में भी ममता बनर्जी ही प्रधानमंत्री के निशाने पर रहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर राज्य के युवाओं और युवतियों की आकांक्षाओं का दमन करने का आरोप लगाया और कहा कि भतीजे का भविष्य बनाने के लिए बंगाल के लाखों युवाओं का भविष्य दांव पर लगा दिया।
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उन्होंने कहा, आज जब हम बड़े-बड़े प्लॉट की बात सुनते हैं, बड़ी-बड़ी गाड़ियों की बात सुनते हैं, हर महीने करोड़ों रुपए की काली कमाई की बात सुनते हैं तो पता चलता है कि दीदी ने किस तरह अपना सारा ध्यान भतीजे के ही विकास पर लगाया।

प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी द्वारा उन पर किए गए निजी हमलों का भी जिक्र किया और कहा कि दीदी ने उन्हें स्क्रू ढीला, लुटेरा, दंगाई, हत्यारा, खूनी और ना जाने क्या-क्या कहा। उन्होंने कहा, यह सूची बहुत लंबी है, मैंने कुछ ही गालियां आपके सामने प्रस्तुत की हैं...दीदी की गालियों से मुझे कोई दिक्कत नहीं है। आप मुझे जितना कोसना है कोसिए, जितनी गाली देनी हो दीजिए लेकिन कम से कम बंगाल की संस्कृति को तो मत भूलिए। देश की जनता, बंगाल की समृद्ध विरासत, यहां के लोगों की वाणी पर गर्व करती है।
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प्रधानमंत्री ने दावा कि मुख्यमंत्री रहते ममता बनर्जी ने कभी राज्य के विकास की चिंता नहीं की। उन्होंने कहा, यहां ज़हरीले पानी से हर जाति, हर मत-मज़हब को मानने वाला परिवार प्रभावित है। मासूम बच्चे गंदा पानी पीने से बीमार पड़ रहे हैं। लेकिन दीदी राजनीतिक विरोध के लिए केंद्र की हर घर जल योजना में भी रोड़े अटकाती हैं।उन्होंने कहा कि यही स्थिति यहां के कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प और यहां के बुनकरों की है, जिनकी कभी सुध नहीं ली गई।(भाषा)

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