Women's Equality Day 2021 : जानिए कब और क्‍यों मनाया जाता है महिला समानता दिवस, उद्देश्‍य और इतिहास

बुधवार, 25 अगस्त 2021 (12:21 IST)
महिलाएं समाज का वह हिस्‍सा रही हैं जिसके बिना समाज की कल्‍पना नहीं की जा सकती है लेकिन उसे हमेशा ढककर रखा जाता है। असमानता को लेकर बढ़ते भेदभाव के चलते इस दिवस को मनाने की शुरूआत करना पड़ी। महिलाओं को समानता का दर्जा प्राप्‍त हो, उन्‍हें भी हर क्षेत्र में बराबर का हक मिलें। अमेरिका में 26 अगस्‍त 1920 में 19वें संविधान में संशोधन के बाद पहली बार मत करने का अधिकार मिला था। 26 अगस्‍त 1971 में वकील बेल्‍ला अब्‍जुग के प्रयास से महिलाओं को समानता का दर्जा दिलाने की शुरूआत इस दिन से हुई थी। इस पहले से अमेरिकी महिलाओं को द्वितीय श्रेणी नागरिकों का दर्जा प्राप्‍त था।  
 
गौरतलब है कि महिलाओं के समानता के अधिकार की लड़ाई एक बार फिर छिड़ी 1853 से। इसके बाद अधिकारों की लड़ाई 1920 तक चली। वहीं भारतीय महिलाओं को मतदान का अधिकार ब्रिटिश शासनकाल के दौरान मिला। 
 
इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य 
 
इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्‍य है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ाना, उन्‍हें बढ़ावा देना। वहीं दूसरी ओर बढ़ रहे अत्‍याचार भेदभाव, कुकर्म, बलात्‍कार, एसिड अटैक, जैसे कई मुद्दे पर लोगों को जागरूक करना है। वहीं अगर देखा जाएं तो महिलाएं आज इन सभी चीजों से लड़कर लगातार आगे बढ़ रही है। 
 
महिलाओं को इन अधिकार के बारे में पता होना चाहिए 
 
* समान अधिकार के बारे में - समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार, वेतन या मजदूरी देने पर लिंग में भेदभाव नहीं किया जा सकता है। 

* मातृत्व संबंधी लाभ - कामकाजी महिलाओं को गर्भवती होने के बाद छट्टी का पूरा हक है। मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत मां बनने के बाद 6 महीने तक किसी प्रकार की वेतन कटौती नहीं की जाती है। और वह चाहे तो फिर से अपना काम भी शुरू कर सकती है।

* रात में गिरफ्तार न करने का अधिकार - महिलाओं को सूर्यास्‍त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।  प्रथम श्रेणी के मजिस्‍ट्रेट के आदेश पर गिरफ्तारी संभव है।  

* संपत्ति पर अधिकार - हिंदू उत्‍तराधिकार अधिनियम के तहत नए नियमों के मुताबिक पुश्‍तैनी संपत्ति पर महिला और पुरूष दोनों को बराबर का हक है। 
 
 

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