कुदरती तौर पर महिला और पुरुष एक-दूसरे के पूरक होते हैं और सामाजिक तौर पर दोनों ही परिवार नामक संस्था की धुरी होते हैं। अगर सृष्टि ने पुरुषों की रचना की, तो महिलाओं को बनाकर उनका अकेलापन दूर किया। धीरे-धीरे सामाजिक मान्यताओं और रिवाजों ने पुरुषों को मुखिया के तौर पर पेश करते हुए ज्यादा से ज्यादा अधिकार दिए और महिलाओं को घर-गृहस्थी की सीमाओं में समेट दिया।
खासकर भारतीय समाज में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अपनी पसंद-नापसंद, भावनाएं या अधिकार-प्रदर्शन की स्वतंत्रता कम है। हालांकि पुरुषों की भी ऐसी बहुत-सी बातें है जो आमतौर पर महिलाओं को बेहद नापसंद होती हैं।
पेश हैं पुरुषों की ऐसी ही कुछ आदतें, जो महिलाओं को बिल्कुल नहीं भाती हैं-
घर-गृहस्थी की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं पर डालना
आमतौर पर पुरुषों की मानसिकता होती है कि घर-गृहस्थी की पूरी जिम्मेदारी संभालना महिलाओं का कर्तव्य है। कभी अपनी व्यस्तता, कभी नापसंदगी, भूलने की आदत या लापरवाह होने का बहाना बनाते हुए ज्यादातर पुरुष इन जिम्मेदारियों के बोझ से बचे रहना चाहते हैं। जाहिर है जिम्मेदारियां पूरी करने में मेहनत भी लगती है और कई समझौते भी करने पड़ते हैं। पुरुषों की यह आदत महिलाओं को बेहद नापसंद होती है। ऐसे में महिलाओं को यह महसूस होने लगता है कि उनका जीवन सिर्फ जिम्मेदारियां ढोने अथवा समझौते करने के लिए हुआ है।
मर्जी से कहीं आने-जाने को लेकर सवाल-जवाब
आमतौर पर भारतीय समाज में पुरुष कहीं भी आए-जाए, उसके लिए किसी से अनुमति लेना जरुरी नहीं समझा जाता, लेकिन बात अगर महिला की हो, तो उसे कहीं भी जाने से पहले पति के साथ-साथ बाकी परिजनों की अनुमति लेना जरुरी हो जाता है। अगर वो अपनी मर्जी से कहीं आए-जाए, तो असुरक्षा, खराब जमाना जैसे मुद्दे उठाकर पुरुष बेवजह उसके सामने समस्याएं और सवाल खड़े करने लग जाते हैं। महिलाओं को पुरुषों का यह व्यवहार बेहद नागवार होता है।
देरी से घर लौटना
आमतौर पर महिलाएं बेहद संवेदनशील स्वभाव की होती है। ऐसे में अगर पुरुष घर देरी से आएं, तो उन्हें चिंता भी ज्यादा होती है और गुस्सा भी आता है। अक्सर पुरुष ऐसे में न तो महिला की चिंता को भांप पाते हैं और न उन्हें गुस्से का कारण सही तरह से समझ में आता है। कई बार पुरुष देरी से घर लौटने की वजह बताना भी जरुरी नहीं समझते और बात झगड़े तक पहुंच जाती है। इसलिए महिलाओं को पुरुषों का देरी से घर लौटना बिल्कुल रास नहीं आता।
गीला तौलिया बिस्तर या सोफे पर छोड़ देना
अक्सर पुरुष नहाने के बाद गीला तौलिया बिस्तर या सोफे पर ही छोड़ देते हैं जिसे बाद में महिला को उसे सही जगह पर रखना पड़ता है। साथ ही गीले कपड़े से बिस्तर या सोफा खराब होता है जो महिलाओं को बिल्कुल पसंद नहीं आता।
गंदे कपड़े और मोजे बेतरतीब छोड़ देना
ज्यादातर पुरुष कपड़ों और रहन-सहन के मामले में महिलाओं जितने सफाई पसंद नहीं होते। वे अपने गंदे कपड़े यहां तक कि बदबूदार मोजे भी कमरे में बेतरतीब छोड़ देते हैं और महिलाओं को उनकी यह आदत अच्छी नहीं लगती।
जल्दी-जल्दी या बेहद धीरे खाना
अक्सर पुरुषों के खान-पान की आदतें महिलाओं से बेहद जुदा होती हैं। पुरुष या तो बहुत जल्दी-जल्दी खाते हैं या असामान्य तरीके से धीरे-धीरे देर तक खाते रहते हैं। महिलाओं को पुरुषों की यह आदतें नापसंद होती हैं।
किचन और घर को अस्त-व्यस्त कर देना
आमतौर पर पुरुष किचन से दूर ही रहते हैं लेकिन अगर कभी किचन में कोई डिश बनाएं या पत्नी की मदद करने पहुंच जाएं, तो काम समेटने के बजाय और फैला देते हैं। इसी तरह फाइलें अथवा कपड़े या कोई जरुरी सामान ढ़ूंढ़ते समय पूरा घर ही अस्त-व्यस्त कर देते हैं। घर को व्यवस्थित रखना सामान्य तौर पर महिलाओं की जिम्मेदारी होती है। इसलिए महिलाओं को इस बात से बेहद चिढ़ होती है।