योग से भगाएँ कब्ज

कुछ भी कभी भी खा लेने की आदत के चलते आज कब्ज से लगभग सभी लोग पीड़ित हैं। कब्ज आधुनिक मनुष्य का रोग है। आओ, जानें कि क्या हैं इसके कारण और निदान।

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कारण : अनियमित भोजन और जीवन शैली इसका मुख्य कारण है। लगातार मसालेदार भोजन करते रहना। फिर कुछ लोग खाने के बाद बैठे रहते हैं या रात को भोजन पश्चात सो जाते हैं। मद्यपान और अत्यधिक भोजन भी इसके कारण हैं। कब्ज रहता है तो समझो यह सभी गंभीर बीमारियों का मूल कारण बन सकता है।

नुकसान : इससे वायु प्रकोप और रक्त विकार होता है। सिरदर्द, अनिद्रा, चक्कर और भूख न लगने की शिकायत भी रहती है। कब्ज बने रहने से ब्लड प्रेशर भी शुरू हो जाता है। बड़ी आँत में मल जमा रहने से उसमें सड़ांध लग जाती है, जिससे आँतों में सूजन और दाँतों में सड़न जैसे रोग भी उत्पन्न होते है। सड़ांध बनी रहने से मसूड़े भी कमजोर होने लगते हैं।

कंट्रोल पावर : सर्वप्रथम तीन दिन तक भोजन त्यागकर सिर्फ घी मिली खिचड़ी खाएँ। इसके बाद चाय, कॉफी, धूम्रपान व मादक वस्तुओं से परहेज तो करें ही साथ ही गरिष्ठ, बासी व बाजारू खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। रोज रात्रि में हरड़ और अजवाइन का बारीक चूर्ण एक चम्मच फाँककर एक गिलास कुनकुना पानी पीने से कब्ज दूर होकर पेट साफ रहेगा। बेड-टी को छोड़कर बेड-वाटर लेने की आदत डालें। पानी लेने के बाद पेट का व्यायाम करें।

योग पैकेज : सूर्य नमस्कार, नौकासन, पवनमुक्तासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, वक्रासन धनुरासन और भुजंगासन में से किसी दो का चयन कर इसे नियमित करें। इसके अलावा कुछ और योग क्रियाएँ करें। कब्ज के लिए योग में कुंजल कर्म और शंख प्रक्षालन का प्रावधान भी है, जिसे योग चिकित्सक की सलाह अनुसार करें।