इस प्रशिक्षण शिविर में श्रीमदभागवद गीता के श्लोकों के पाठ के साथ पंचतंत्र की कहानियां भी सुनाई जा रही हैं। बच्चों के रेफ़्लेक्सेस और बेहतर हैंड-ऑय संयोजन के विकास के लिए देशी खेल जैसे खो-खो, सितोलिया, रुमाल -जपट्टा, घोड़ा बादाम छाई, सांकल-डंडा, रस्सी-कूद, विष-अमृत भी बच्चों को सिखाए जा रहे हैं। इस शिविर के आयोजन से बच्चों और रहवासियों में अच्छा उत्साह है।
शिविर में 4 वर्ष के शिवांश के साथ आर्यमन, महक, परम, लक्ष्य, क्षिति, नव्या, मान, सनातन, सनमित, त्रिशा, वत्स और अन्य बालक बालिका सम्मिलित हो रहे हैं।