शरीर को लचीला बनाएगी ये 5 तरह की एक्सरसाइज

शनिवार, 14 मई 2022 (15:12 IST)
Flexibility exercises at home : उम्र के साथ हड्डियां कड़क हो जाती है जो कि बढ़ती उम्र के लिए खतरनाक होती है। शरीर लचीला रहेगा तो सदा जवान बने रहेंगे। शरीर को लचीला बनाए रखने या बनने के लिए आप इन 5 तरह की एक्सरसाइज में से कोई एक आजमा सकते हैं।
 
 
1. अंग संचालन : योग में अंगों की सूक्ष्म एक्सरसाइज को अंग संचालन कहते हैं। इसमें कलाई, पंजे, कंधे, आंखों की पुतलियां, गर्दन, कर्मर आदि को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज एक निश्चित संख्या और क्रम में घुमाते हैं।
 
2. सूर्य नमस्कार : प्रतिदिन सवेरे सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें। कपालभाति और भस्त्रिका के साथ ही अनुलोम-विलोम करें। खड़े होकर किए जाने वाले योगासनों में त्रिकोणासन, कटिचक्रासन, ताड़ासन, अर्धचंद्रासन और पादपश्चिमोत्तनासन करें। बैठकर किए जाने वाले आसनों में उष्ट्रासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, सिंहासन, समकोणासन, ब्रम्ह मुद्रा और भारद्वाजासन करें। लेटकर किए जाने वाले आसनों में नौकासन, विपरीत नौकासन, भुजंगासन, धनुरासन और हलासन करें। बंधों में जालंधर और उड्डियान बंध का अभ्यास करें।
 
3. जुम्बा डांस : जुम्बा वर्कआउट डांस फॉर्म में किया जाता है। यह वजन कम करने और काडियोवस्कुलर एक्टिविटीज पर अधिक फोकस्ड रहता है। जुंबा डांस वर्कआउट में बेली डांस, सालसा, हिप-हॉप आदि सभी डांस स्टाइल के डांस स्टेप शामिल होते हैं।
4. एरोबिक्स : इसमें संगीत पर व्यायाम करते हैं। इसमें रस्सी कूदना, स्ट्रेंथ सर्किट, दौड़ना या जॉगिंग करना, तेज कदमों से चलना आदि चीजें शामिल हैं।
 
 
5. स्विमिंग : स्विमिंग यानी तैरना एक प्रभावी एक्सरसाइज है। इसे करने से उपरोक्त सभी तरह की एक्सरसाइज हो जाती है।
 
लचीले शरीर के लाभ (flexibility exercises benefits) : लचीलेपन से शारीरिक ऊर्जा बनी रहती है। श्वास-प्रश्वास में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आती। व्यक्ति अधिक फुर्तीला, शांत, लेकिन जोश में रहता है। शरीर में जो भी अवरुद्ध और अव्यवस्थित ऊर्जा है, वह मुक्त होकर संतुलन में आ जाती है और आप हमेशा ताजगी महसूस करते हैं। लचीलापन आपके शरीर में उठ रहे हर तरह के दर्द को खत्म कर देता है। तनाव, थकान और आलस्य को भी दूर करता है। लचीले शरीर के लाभ यह हैं कि आप सदा स्वस्थ तथा ऊर्जावान बने रहेंगे। बुढ़ापा आपसे कोसों दूर रहेगा। इन्हें करने से मोटापा दूर होगा। पाचन तंत्र संबंधी रोग दूर होंगे। हाथों और पैरों का दर्द दूर होकर उनमें सबलता आएगी। गर्दन, फेफड़े तथा पसलियों की माँसपेशियाँ सशक्त होंगी। शरीर की फालतू चर्बी कम होकर शरीर हलका-फुलका हो जाएगा।

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