इसके बाद इसी दाएं पैर को घुटनों से मोड़ते हुए उसके पंजे को सिर से लगाएं और दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए उन पंजों की अंगुलियों को पकड़ लें और छाती को बाहर की ओर खोलें। इस स्थिति में कुछ देर तक रुकने के बाद यही क्रिया दूसरी ओर से करें। अर्थात अब बाएं पैर को पीछे ले जाकर यह क्रिया करें।