विधि : पेट के बल लेटकर बाएं हाथ को सिर के नीचे भूमि पर रखें तथा गर्दन को दाई ओर घुमाते हुए सिर को हाथों पर रखें, बाएं हाथ सिर के नीचे होगा तथा बाएं हाथ की हथेली दाएं हाथ के नीचे रहेगी। दाएं पैर को घुटने मोड़कर जैसे बालक लेटता है, वैसे लेटकर विश्राम करें। इसी प्रकार दूसरी ओर से किया जाता है।
5 फायदे:
1. श्वास की स्थिति में हमारा मन शरीर से जुड़ा हुआ रहता है, जिससे की शरीर में किसी प्रकार के बाहरी विचार उत्पन्न नहीं होते। इस कारण से हमारा मन पूर्णत: आरामदायक स्थिति में होता हैं, तब शरीर स्वत: ही शांति का अनुभव करता है।
4. पाचंनतंत्र सही रखता है तथा भोजन को सरलता से पचाने में सहायता करता है।
5. यह शरीर में स्थिति सभी तरह के दर्द से निजात दिलाता है।