अनिश्चितता के बीच दबाव की स्थिति

रविवार, 6 अप्रैल 2008 (17:45 IST)
- शैलेन्द्र कोठार

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एक बार फिर विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा बिकवाली प्रारंभ कर दिए जाने के कारण निफ्टी 295 प्वॉइंट्स घटकर 4647 पर बंद हुआ।

सबसे ज्यादा बिकवाली केपिटल गुड्स, पॉवर, मैटल, रियल्टी एवं बैकिंग सेक्टर के प्रमुख शेयरों में बना रहा, जबकि फार्मा, एफएमसीजी, ऑइल एंड गैस एवं आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के भाव तुलनात्मक रूप से मजबूत बने रहे। हैवीवेट शेयरों में हुए भारी बेचान से संकेत मिले कि संस्थागत निवेशक बढ़त पर बिकवाली की नीति अपनाए हुए हैं। परिणामस्वरूप निफ्टी लोअर-बॉटम लोअर-टॉप फॉर्मेशन बनाते हुए नीचे आ रहा है।

व्यवसायियों का कहना है कि फॉरेन एक्सचेंज डेरीवेटिव्ज में देश की कई प्रमुख कंपनियों को बड़ा नुकसान होने की आशंकाएँ बनी हुई हैं। इसी बीच महँगाई का मुद्दा निवेशकों को अपनी पोजीशन कम करने के लिए प्रेरित कर रहा है। बहुसंख्य विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती महँगाई से निपटने के प्रयास में सरकार कड़े कदम उठा सकती है। सीआरआर में बढ़ोतरी एवं ब्याज दरों में वृद्धि आसानी से दिखने वाले उपाय हैं। यदि ऐसा होता है तो यह बाजार के लिए एक बुरा समाचार होगा।

तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि हालाँकि निफ्टी ने 22 जनवरी को बनाया 4448.50 का लो अभी नहीं तोड़ा है किंतु 22 जनवरी के बाद से अभी तक निफ्टी में लोअर-बॉटम लोअर-टॉप फॉर्मेशन बन रहा है। 18 मार्च को निफ्टी ने 4468.55 का लो बनाया था तथा उसके बाद तकनीकी सुधार की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाने के कारण यह 28 मार्च को 4970.80 तक पहुँचा था।

इन स्तरों पर डाउन वर्ड ट्रेंड लाइन से टकराने के कारण निफ्टी एक बार फिर नीचे आ रहा है तथा अब इसका ट्रेंड लाइन प्रतिरोध 4825 के करीब है तथा समर्थन स्तर 4250 के करीब है।
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