कहने की जरूरत नहीं क्रिकेट में सचिन तेंडुलकर न्यारे हैं। अब उनका बंगला भी न्यारा बन सकता है। यूँ तो वह न्यारा है ही, क्योंकि मीडिया उसके बारे में काफी कुछ छाप चुका है कि वह कितने में खरीदा गया और कितने करोड़ों लगाकर सचिन ने उसे बनवाया, लेकिन न्यारा वह इस अर्थ में है कि मुंबई दर्शन में उसके दर्शन कराए जाएंगे। सचिन का क्रिकेट दर्शनीय है। अब उनका बंगला दर्शनीय बनने जा रहा है।
इसमें उनकी व्यक्तिगत मेहनत, लगन और एकाग्रता तो है ही, लेकिन इसमें उस समय का भी बहुत बड़ा हाथ है, जिस समय में हुए हैं। नव उदारवाद, भूमंडलीकरण, तेजी फैलता चकाचौंध करता बाजार और एक फलते-फूलते मध्यवर्ग के बीच सचिन ने न केवल अकूत धन-दौलत कमाई है, बल्कि शोहरत भी और यही वजह है कि वे यूथ आईकॉन बन गए। यदि सचिन क्रिकेट में युवाओं की प्रेरणा बन गए हैं तो उनका बंगला युवाओं का एक स्वप्न बनेगा। इस तरह के बंगलों को सब हासिल करना चाहेंगे, लेकिन उसके लिए सचिन बनना पड़ेगा।