शौक से मि‍ली शोहरत

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दुनियाभर में खान-पान को लेकर काफी हलचल हो रही है। कई चैनल्स और वेबसाइट्स केवल अच्छे खाने को लेकर ही बनाए गए हैं और वे काफी अच्छा बिजनेस कर रहे हैं। अमांडा हैसर और मैरिल स्टब ने खान-पान की वेबसाइट जरूर बनाई, पर उसे कुछ अलग तरह से पेश किया। इस कारण उनकी वेबसाइट हिट हो गई और दोनों को प्रसिद्धि भी मिली।

इंटरनेट पर हजारों की संख्या में खान-पान पर वेबसाइट्स हैं। इनमें से प्रत्येक कुछ अलग तरह की विशेषताएँ लिए हुए हैं। सभी के फालोअर्स भी काफी अच्छी संख्या में हैं, पर ये वेबसाइट्स इसके आगे नहीं जा पातीं। इस कारण कुछ समय बाद इनके सामने रेवेन्यू जनरेशन की समस्या आन खड़ी होती है।

ऐसे में या तो इन्हें अपनी साइट्स पर बे-फालतू के विज्ञापनों को जगह देना पड़ती है या फिर कंटेट से समझौता करना पड़ता है। अमांडा हैसर और मैरिल स्टब दोनों ही पाक कला में माहिर हैं और अलग-अलग अखबारों के लिए लिखती भी हैं। दोनों ही इस क्षेत्र में कुछ नया करना चाहती थीं।

वे यह जानती थीं कि इंटरनेट पर तमाम तरह की साइट्स हैं, जो खान-पान पर कई प्रकार की जानकारियाँ देती हैं तथा उन दोनों को इनसे कुछ अलग भी करना था, ताकि लंबे समय तक इंटरनेट पर अपनी उपस्थिति भी दर्ज करवाई जा सके और ज्यादा से ज्यादा फालोअर्स भी बनाए जा सकें।

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दोनों ने मिलकर फूड 52 वेबसाइट की स्थापना की। दोनों का उद्देश्य साफ था कि वे दोनों अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन इस वेबसाइट पर करेंगे, पर जरूरत अनुसार, क्योंकि अगर वे दोनों कंटेट का काम करने लगे तब बाकी कामों के लिए समय नहीं मिल पाएगा।

दोनों ने वेबसाइट पर सबसे पहले वीकली फूड कांटेस्ट आरंभ कर दी और कांटेस्ट केवल घरेलू शौकिया महिलाओं के लिए ही आरंभ की, जो पाक कला का प्रदर्शन करना चाहती थीं। यह भी घोषणा की गई कि जो भी विजेता होगा, उसकी रेसीपी को अगली न्यूयॉर्क टाइम्स की कुक बुक में जगह मिलेगी। इस तरह से वेबसाइट का कंटेट प्रति सप्ताह बढ़ता ही चला गया।

कुछ समय पश्चात एक कार्पोरेट स्पॉन्‍सर भी वेबसाइट को मिल गया, जो ऑन लाइन स्टोर था। जो भी विजेता था, उसे कुक बुक की कॉपी भी मिलेगी। साथ में वेबसाइट पर जो भी रजिस्टर्ड होगा, उसे एक अन्य स्टोर के डिस्काउंट के डि‍स्‍काउंट कूपन भी मि‍लेंगे। इन डि‍स्‍काउंट कूपन से जो भी खरीदारी करेगा उसके लाभ में से कुछ हि‍स्‍सा वेबसाइट को भी मि‍लेगा। फुड 52 में अब न केवल बेहतरीन रेसि‍पीज देखने को मि‍लती है बल्‍कि‍ उसके 4000 से ज्‍यादा फोलोअर्स भी हैं।

और एक तरह से यह फोलोअर्स कुकबुक के ग्राहक भी हो गए, क्‍योंकि‍ उन्‍हें कुक बुक बाकी ग्राहकों से डि‍स्‍काउंट में मि‍ली। तो देखा आपने अपने शौक की वजह से कि‍स तरह अमांडा हैसर और मैरिल स्टब आज सफलता की बुलंदि‍यों पर पहुँची।

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