सम्मेलन का केन्द्रीय विषय था- प्रवासी भारतीय और हिन्दी। इसके अलावा अन्य विषयों पर ध्यान केन्द्रित किया गया, वे थे-हिन्दी भाषा और साहित्य का विकास, कैरेबियाई द्वीपों में हिन्दी की स्थिति एवं कप्यूटर युग में हिन्दी की उपादेयता। सम्मेलन में भारत से 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। अन्य देशों के 257 प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए।