आमंत्रण नहीं मिलने से साहित्यकार नाराज

भोपाल। लाल परेड मैदान पर 10 से 12 सितंबर तक आयोजित होने वले विश्व हिन्दी सम्मेलन में कुछ साहित्यकारों को आमंत्रित नहीं किए जाने से, सवाल उठने शुरू हो गए हैं। पद्मश्री पुरूस्कार से सम्मानित कुछ साहित्यकार और भाषा के जानकारों को भारत सरकार द्वारा इस तरह से नजरअंदाज करना किसी को समझ नहीं आ रहा है।


 
विश्व हिन्दी सम्मेलन में लगभग पांच हजार विद्वानों के आने की संभावना है, जिसके लिए देश और दुनिया से कई साहित्यकारों और विद्वानों को आमंत्रित किया गया हैं, लेकिन भोपाल और मध्यप्रदेश निवासी कुछ साहित्यकारों के पास अभी तक आमंत्रण पत्र नहीं पहुंचा है। इस बात से साहित्यकारों में सरकार व आयोजकों के प्रति खासी नाराजगी है। उनका कहना है - केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान अनिवासी भारतीयों को लुभाने पर है। 
 
भोपाल के निवासी होने के बावजूद कुछ बड़े और नामचीन साहित्यकारों को सम्मेलन का न्यौता नहीं मिलने से वे काफी आहत हैं। वहीं इसपर सम्मेलन की आयोजन समिति के सदस्य और भाजपा पदाधि‍कारी का कहना है कि विश्व हिन्दी सम्मेलन साहित्यकारों का नहीं बल्कि विद्वानों का है। 

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