Israel Iran War Latest Update: इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने तेहरान के तीसरे जिले में रहने वाले लगभग 330,000 निवासियों को तत्काल क्षेत्र खाली करने का आदेश दिया है। यह क्षेत्र राज्य टेलीविजन, पुलिस मुख्यालय, और तीन बड़े अस्पतालों (जिनमें से एक ईरानी गार्ड द्वारा संचालित है) को शामिल करता है। ALSO READ: ईरान-इजराइल में 5वें दिन भी घमासान, तेहरान में मौजूद 10 हजार भारतीयों के लिए एडवाइजरी
IDF के अरबी प्रवक्ता कर्नल अविचाय अडरेई ने X पर फारसी में पोस्ट किया, "प्रिय नागरिकों, अपनी सुरक्षा के लिए कृपया तेहरान के तीसरे जिले के इस क्षेत्र को तुरंत खाली करें। आने वाले घंटों में इजरायली सेना इस क्षेत्र में ईरानी शासन के सैन्य ढांचे पर हमला करेगी।" यह चेतावनी सोशल मीडिया पर जारी की गई और इसका स्वरूप गाजा में दी गई चेतावनियों जैसा है, जहां नागरिकों को सैन्य कार्रवाई से पहले खाली करने के लिए कहा गया था।
'तेहरान टाइम्स' के मुताबिक हताहत और नुकसान : पिछले 65 घंटों में इजरायली हमलों में ईरान में 224 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 7 सैन्य अधिकारी, 9 परमाणु वैज्ञानिक, और 224 नागरिक शामिल हैं। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि इन हमलों की मानवीय कीमत तथाकथित "सटीक लक्ष्यभेदन" के दावे को झूठा साबित करती है और यह इजरायली आक्रोश की अंधाधुंध प्रकृति को उजागर करती है।
दूसरी ओर, ईरान ने इजरायल पर जवाबी हमले किए, जिसमें 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों का उपयोग किया गया। इन हमलों में तेल अवीव, हाइफा, नेगेव रेगिस्तान, और किर्यात गाट जैसे रणनीतिक ठिकाने निशाना बनाए गए। इजरायल की आपातकालीन सेवा मगन डेविड एडोम (MDA) ने सोमवार को बताया कि मध्य इजरायल के चार अलग-अलग स्थानों पर हुए हमलों में 4 लोगों की मौत हो गई है और 87 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं, जिनकी उम्र लगभग 70 वर्ष थी। उत्तरी बंदरगाह शहर हाइफा में भी खोज और बचाव कार्य जारी है, जहां करीब 30 लोग घायल हुए हैं। कुल मिलाकर, 1,277 लोग इजरायल के चिकित्सा केंद्रों में भर्ती हैं, जिनमें 90% से अधिक पीड़ित आम नागरिक हैं।
हाइफा के एक पावर प्लांट में आग लगी हुई देखी गई, और तेल अवीव में हालिया मिसाइल हमलों के दौरान कई घर नष्ट हो गए। सोशल मीडिया पर पोस्ट हुए कई वीडियो में एम्बुलेंसों को प्रभावित स्थानों पर शवों को ले जाते हुए दिखाया गया है।
परमाणु तनाव और NPT से हटने की धमकी : ईरान ने चेतावनी दी है कि यदि इजरायली बमबारी अभियान ऐसे ही जारी रहे तो वह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से हट जाएगा। इस बयान ने इस संघर्ष के और गहराने और एक बड़े युद्ध में तब्दील होने की आशंका को और प्रबल कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पास 60% तक संवर्धित यूरेनियम है, जिससे 6-9 परमाणु बम बनाए जा सकते हैं। इजरायल ने नतांज, इस्फहान, और अन्य परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 9 परमाणु वैज्ञानिक और 7 सैन्य अधिकारी मारे गए। ईरान ने नई गुप्त यूरेनियम संवर्धन साइट शुरू करने की धमकी दी है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक तनाव बढ़ गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और नागरिकों की निकासी : संयुक्त राष्ट्र और भारत सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। भारत ने अपने नागरिकों को तेहरान छोड़ने की सलाह दी है, और भारतीय दूतावास ने 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित किया है। पाकिस्तान ने 214 छात्रों और 500 तीर्थयात्रियों को तफ्तान सीमा पार से सुरक्षित वापस लाने की पुष्टि की है। ईरान के हवाई क्षेत्र के बंद होने से निकासी में कठिनाई हो रही है, और कई भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों के माता-पिता अपने बच्चों को घर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
G7 बैठक में पश्चिम एशिया में युद्ध व्यापक होने की चिंता जताई गई है। अमेरिका ने इजरायल का समर्थन करते हुए कहा कि उसे आत्मरक्षा का अधिकार है, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम की संभावना पर विचार की बात कही। तुर्की और सऊदी अरब ने क्षेत्रीय शांति के लिए कूटनीति पर जोर दिया।
वर्तमान में, इजरायल ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले जारी रखे हुए है, जबकि ईरान ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-3 के तहत जवाबी हमले कर रहा है। तेहरान में आपातकाल घोषित है, और एयरस्पेस बंद है। दोनों देशों में नागरिक जीवन अस्त-व्यस्त है, और सायरन गूंजते रहे हैं। युद्ध के विश्व युद्ध में बदलने की आशंका है, खासकर यदि ईरान NPT से हटता है या खाड़ी देश शामिल होते हैं। स्थिति अगले 72 घंटों में और गंभीर हो सकती है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति अपीलों के बावजूद, युद्धविराम की संभावना कम दिख रही है।