खेल के क्षेत्र में बढ़ेगी भारत की शान

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स्वतंत्र भारकी कुंडली वृषभ लग्न की है, वहीं इस बार नववर्ष प्रवेश के समय कन्या लग्न का उदय हो रहा है। इस समय मकर राशि में चन्द्रमा श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण में था, नक्षत्र स्वामी चन्द्र, राशि स्वामी शनि, उपस्वामी शुक्र है।

आय भाव का स्वामी चन्द्रमा पंचम में होकर चतुर्थेश व सप्तमेश होकर गुरु नीच का है वहीं राहु संग युति कर रहा है। लग्नेश व दशमेश बुध भी साथ हैं। आयेश चन्द्र चांडाल योग से ग्रस्त है वहीं चन्द्र-राहु का अशुभ योग भी है। फिर भी गुरु की उच्च दृष्टि एवं चन्द्र की स्वदृष्टि भारत की आर्थिक व्यवस्था को बिगड़ने नहीं देगी।

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शेयर मार्केट के बारे में देखा जाए तो एकादश भाव में कर्क का चन्द्र विराजमान होने से कभी ऊँचाई पर तो कभी नीचा भी रहेगा। अभी वर्तमान में राहु मय केतु सारे ग्रह होने से कालसर्प योग बनता है। यही वजह है कि देश ही नहीं पूरा विश्व आर्थिक मन्दी की चपेट में चल रहा है। इसका सुधार कालसर्प योग के निकलते ही उठाव के रूप में देखने को मिलेगा।

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राजनीति के बारे में देखा जाए तो दशम भाव का भावाधिपति बुध पंचम भाव में शनि की राशि मकर में मित्र क्षेत्री होकर नीच के गुरु, राहु व चन्द्र के साथ होने से काफी उठापटक रहेगी। किसी एक पार्टी को बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है। फिर खिचड़ी सरकार बनेगी और इस परिदृश्य में मायावती की अहम भूमिका नजर आएगी। दशम भाव पर दो ग्रहों की तीन त्रिक भाव के स्वामियों की दृष्टि पड़ने से केन्द्र में बनने वाली आगामी सरकार को विकट स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

अगर भाजपा ने जोर मारा तो सरकार बनाने में कामयाबी हा‍सिल कर सकती है। नवांश कुंडली में शनि-मंगल का सम सप्तक योग बनने से आगामी सरकार के समय काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है।

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खेल जगत का कारक चतुर्थ भाव उसमें मंगल पराक्रम व आक्रामक भाव अष्टम भाव का स्वामी मंगल द्वादशेश सूर्य के साथ होने से खेल के क्षेत्र में प्रभाव बढ़ेगा। हम कोई विशेष सफलता अर्जित करने में कामयाब रहेंगे।