साल 2016 : आतंकी हमलों से सुर्खियों में रहा पंजाब

जालंधर। पंजाब इस साल की शुरुआत में ही दुनियाभर में सुर्खियों में आ गया जब पड़ोसी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने प्रदेश के पठानकोट में स्थित वायुसेना स्टेशन पर हमला किया। इसके अलावा विभिन्न हिन्दू और धार्मिक नेताओं की हत्या तथा वरिष्ठ संघ नेता पर हुए जानलेवा हमले के कारण भी सालभर प्रदेश खबरों में बना रहा।
पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले से पंजाब उबरने में लगा हुआ था कि वर्ष के उत्तरार्ध में प्रदेश के नाभा में स्थित जेल से कुख्यात खालिस्तानी आतंकवादी हरपाल सिंह मिंटू और अन्य गैंगस्टर फरार हो गए। हालांकि बाद में मिंटू को गिरफ्तार कर लिया गया।
 
इसके अलावा राज्य में विभिन्न समुदाय के खासतौर से हिन्दू नेताओं को निशाना बनाया गया। राज्य में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक बड़े नेता पर जानलेवा हमला हुआ। एक सिख धार्मिक नेता पर भी हमला हुआ और नामधारी समुदाय के एक पूर्व प्रमुख की पत्नी की हत्या कर दी गई।
 
प्रदेश में कानून व्यवस्था बदतर होने का आरोप गठबंधन सरकार पर लगते रहे। खास बात यह रही कि सत्ता से बाहर भाजपा नेताओं को जहां कानून व्यवस्था बदतर नजर आई वहीं सत्तासीन नेताओं का कहना था कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल ठीक है।
 
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सतनाम सिंह कैंथ कहते हैं कि मौजूदा सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था की परिभाषा ही बिगाड़ दी है। यहां कानून व्यवस्था दरअसल है ही नहीं। अपराधियों के आगे सरकार घुटने टेक चुकी है और वह पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
 
कैंथ कहते हैं कि राज्य में धार्मिक नेताओं पर हमले और उनकी हत्या की घटना इस बात की पुष्टि करती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बदतर होती जा रही है। मैं पूछना चाहता हूं कि प्रदेश में जिन धार्मिक नेताओं पर हमले हुए हैं उनकी जांच के मामलों में अब तक क्या प्रगति हुई है? 
 
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल प्रदेश को जहां सबसे शांत राज्य बताते रहे वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता लक्ष्मीकांता चावला आमलोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें पत्र लिखती रहीं। दूसरी ओर भाजपा प्रवक्ता रजत मोहिंद्रू हमेशा से कानून व्यवस्था के नियंत्रण में होने का दावा करते हैं।
 
सत्ताधारी गठबंधन के बेहतर कानून व्यवस्था के दावों के बीच जालंधर में संघ के एक वरिष्ठ नेता जगदीश गगनेजा पर जानलेवा हमला किया गया। करीब 47 दिन तक जीवन के लिए जूझते रहने के बाद गगनेजा ने आखिर जीवन से हार मान ली। लुधियाना में नामधारी समुदाय के पूर्व प्रमुख की पत्नी माता चांद कौर की तथा खन्ना में शिवसेना नेता दुर्गा प्रसाद गुप्ता की हत्या कर दी गई। इसके अलावा सिख धार्मिक नेता रंजीत सिंह ढंडरियावाले पर भी हमला हुआ।
 
इन बड़ी घटनाओं के अलावा संघ की शाखा लगाने वाले पर हमला, शिवसेना के नेताओं पर हमला और हत्या, व्यापारियों सहित अन्य वर्ग के लोगों की हत्या तथा अपराधके अन्य मामलों से पूरे वर्ष पंजाब दो चार होता रहा। नशे के कारोबार, नशाखोरी, नशे की खेप की बरामदगी, देह व्यापार और गैंगवार की समस्या से भी राज्य को पूरे साल जूझना पड़ा, वहीं नशे की समस्या पर बनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' पर राज्य की छवि खराब करने का आरोप लगा।
 
सीमा सुरक्षाबल के पंजाब फ्रंटियर ने राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा से पूरे साल में दो क्विंटल से अधिक हेरोइन सहित मादक पदार्थ बरामद किए। इसके अलावा विभिन्न आपराधिक घटनाओं के चलते भी प्रदेश सुर्खियों में रहा जिसमें अकाली कार्यकर्ताओं पर पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप शामिल हैं। (भाषा)

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