Bheema roopi maharudra vajra hanuman maruti: हनुमानजी पर कई स्त्रोत और अष्टकों की रचना की गई है। इन्हीं में से एक है भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती मारुती स्तोत्र। इस स्त्रोत की रचना 17वीं शताब्दी समर्थ गुरु रामदासजी ने की थी। वे हनुमानजी के बहुत बड़े भक्त थे। उन्होंने ही देशभर में कई अखाड़ों की स्थापना की थी। वे छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु थे।