1. पाठ करते वक्त फालतू के विचार आना: यदि आप शिव चालीसा पढ़ते वक्त फालतू की बाते सोचते हैं, आपके मन में गंदे विचार आते हैं या आपका ध्यान कहीं और किसी बात पर रहता है तो आपको पाठ का फल नहीं मिलेगा। इसलिए मन को शांत रखें और पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें। किसी अन्य विचार में न भटकें, केवल भगवान शिव पर ध्यान केंद्रित करें।
2. पाठ करते समय पवित्रता का ध्यान न रखना: यदि आप बगैर स्नान आदि से निवृत्त होकर गंदे या काले कपड़े पहनकर यानी अपवित्र रहकर शिव चालीसा का पाठ करते हैं तो यह अपराध माना जाएगा। इससे पाप लगता है। शिव चालीसा पढ़ने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान और शरीर की शुद्धि का विशेष ध्यान रखें। पाठ करने से पहले या बाद में मांस-मदिरा, तंबाकू आदि का सेवन न करें। पूजा से पहले और बाद में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। अशुद्ध मन और अपवित्र स्थान में शिव चालीसा न पढ़ें।
3. असमय ही पाठ करना: शिव चालीसा का पाठ सुबह, प्रदोष काल में या रात्रि काल में करते हैं। दोपहर में इसका पाठ नहीं करते हैं। मोटे तौर पर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच नहीं करना चाहिए। कई लोग निश्चित समय निर्धारित नहीं करते हैं और जब मन करना या फुर्सत मिली तब पाठ करने लग जाते हैं जो कि गलत आदत हैं।
7. संकल्प से पढ़ें शिव चालीसा: यदि आपने नित्य यानी प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने का संकल्प लिया है तो उसकी निरंतरता बनाए रखें और उसी समय पर पाठ करें जिस समय पर आप करते हैं। कई लोग प्रति सोमवार पाठ करने का संकल्प लेते हैं तो उसका पालन करें। विशेष रूप से सावन माह, सोमवार और महाशिवरात्रि के दिन इसका पाठ करना अत्यंत फलदायी होता है।