Tulsi Chalisa हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Gyaras) और तुलसी विवाह किया जाता है। इस दिन श्री तुलसी चालीसा पढ़ने का बहुत अधिक महत्व है। इसका नियमित पाठ जीवन में सुख-सौभाग्य और अच्छी सेहत का वरदान देता है। यहां पढ़ें तुलसी चालीसा का संपूर्ण पाठ-
।। श्री तुलसी चालीसा ।।Shri Tulsi Chalisa
।। दोहा ।।
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी।
नमो नमो हरी प्रेयसी श्री वृंदा गुन खानी।।
श्री हरी शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब।
जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ।।
।। चौपाई ।।
धन्य धन्य श्री तलसी माता । महिमा अगम सदा श्रुति गाता ।।
हरी के प्राणहु से तुम प्यारी । हरीहीं हेतु कीन्हो ताप भारी।।
जब प्रसन्न है दर्शन दीन्ह्यो । तब कर जोरी विनय उस कीन्ह्यो ।।