बादशाह अकबर को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा- आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी। सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुंच कर अपनी फरियाद रखी।
बीरबल ने उन्हें हिम्मत बंधाई- तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्ला कर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।
अगले पेज पर : क्या हुआ जब बादशाह ने देखा सेठों का निराला स्वांग
FILE
उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हंसे, फिर बोले- यह सब क्या है?
FILE
सेठों के मुखिया ने कहा- जहांपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदारी क्या कर पाएंगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?
बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।