सभी माता-पिता अपने पुत्र-पुत्रियों का विवाह श्रेष्ठ मुहूर्त में संपन्न करना चाहते हैं। विप्र एवं दैवज्ञ के लिए भी विवाह मुहूर्त का निर्धारण करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। विवाह मुहूर्त के निर्धारण में कई बातों का विशेष ध्यान रखा जाना आवश्यक होता है। शास्त्रानुसार श्रेष्ठ मुहूर्त कई प्रकार के दोषों को शमन करने में समर्थ होता है।
इस अक्षय तृतीया पर रहेगा गुरु का तारा अस्त-
वर्ष 2023 अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya 2023) 23 अप्रैल (मतांतर से 22 अप्रैल) को होगी, किंतु इस दिन गुरु का तारा अस्त स्वरूप में होगा। शास्त्रानुसार गुरु व शुक्र के तारे के अस्तोदय स्वरूप में रहते विवाह मुहूर्त नहीं बनता है। इस बार अक्षय तृतीया पर गुरु के तारे के अस्तोदय स्वरूप में रहने से श्रद्धालुओं में संशय की स्थिति की बनी हुई है कि इस वर्ष अक्षय तृतीया पर विवाह मुहूर्त बनेगा या नहीं?
अक्षय तृतीया साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में है-
हमारे सनातन धर्म में साढ़े तीन मुहूर्त को अबूझ मुहूर्त की मान्यता दी गई है, जिनमें किसी भी प्रकार के अन्य मुहूर्त पर विचार किए बिना ही विवाह जैसे शुभ व मांगलिक कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। शास्त्रानुसार ये साढ़े तीन मुहूर्त हैं नववर्ष प्रतिपदा, विजयादशमी, अक्षय तृतीया एवं कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा का अर्द्धभाग।
ये सभी तिथियां स्वयंसिद्ध मुहूर्त की श्रेणी में आती हैं। अत: इन तिथियों अन्य किसी मुहूर्त पर विचार किए बिना ही शुभ एवं मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, नामकरण, व्रत उद्यापन, गृहप्रवेश आदि संपन्न किए जा सकते हैं।