4. मौसमी फल और सब्जियां: चूंकि इस दिन से चातुर्मास समाप्त होता है और मांगलिक कार्य शुरू होते हैं, इसलिए भगवान को नए मौसमी फल और सब्जियों का भोग अवश्य लगाएं। विवाह का मंडप बनाने के लिए गन्ने का प्रयोग होता है और यह भोग में भी अर्पित किया जाता है। सिंघाड़ा (पानी फल), मूली, आंवला, बेर, अमरूद और केले अर्पित करने से शालीग्राम जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।