हमारे शास्त्रों में ऐसे कई धनदायक प्रयोग हैं जिन्हें अक्षय तृतीया के दिन करने से धन की भरपूर आवक होती है....
1. अक्षय तृतीया के दिन अपने पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल को लाल वस्त्र में बांधकर स्थापित करें। व्यापारीगण एकाक्षी नारियल को लाल वस्त्र में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें।
2. अक्षय तृतीया के दिन चांदी की डिब्बी में शहद और नागकेसर भरकर अपनी तिजोरी में रखें।
3. अक्षय तृतीया के दिन गूलर की छोटी जड़ स्वर्ण ताबीज में भरकर अपने गले में धारण करें।
4. अक्षय तृतीया 11 गोमती चक्र को लाल वस्त्र में लपेटकर धन स्थान में रखें।
5. अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मीकारक कौड़ियों को पीले वस्त्र में लपेटकर अपनी तिजोरी में रखें।
6. अक्षय तृतीया के दिन प्रात:काल 3 या 5 गोमती चक्रों का चूर्ण बनाकर घर के मुख्य द्वार के सामने बिखेर दें।
7. अक्षय तृतीया ललिता सहस्त्रनाम व श्रीसूक्त का पाठ कर मां त्रिपुरसुन्दरी एवं माता लक्ष्मी का अर्चन करें।
उपर्युक्त प्रयोगों को करने पर धनलाभ की संभावना प्रबल होती है।
अक्षय तृतीया के दिन दान को श्रेष्ठ माना गया है। चूंकि वैशाख मास में सूर्य की तेज धूप और गर्मी चारों ओर रहती है और यह आकुलता को बढ़ाती है तो इस तिथि पर शीतल जल, कलश, चावल, चना, दूध, दही आदि खाद्य पदार्थों सहित वस्त्राभूषणों का दान अक्षय व अमिट पुण्यकारी होता है।
माना जाता है कि जो लोग इस दिन अपने सौभाग्य को दूसरों के साथ बांटते हैं वे ईश्वर की असीम अनुकंपा पाते हैं। इस दिन दिए गए दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। सुख समृद्धि और सौभाग्य की कामना से इस दिन शिव-पार्वती और नर नारायण की पूजा का विधान है। चूंकि तृतीया मां गौरी की तिथि है कि इस दिन गृहस्थ जीवन में सुख-शांति की कामना से की गई प्रार्थना तुरंत स्वीकार होती है। गृहस्थ जीवन को निष्कंटक रखने के लिए इस दिन उनकी पूजा की जाना चाहिए।