हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि आज के दिन जो भी रचनात्मक या सांसारिक कार्य करोगे, उसका पुण्य मिलेगा। अक्षय तृतीया के दिन ही वृंदावन के बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं। गंगोत्री धाम के पट खोले जाते हैं और जगन्नाथ भगवान के सभी रथों को बनाना प्रारम्भ किया जाता है।
3. कुबेर जी को मिला खजाना : इस दिन यक्षराज कुबेर को खजाना मिला था।
4. गंगा अवतरण : एक मान्यता के अनुसार इसी दिन मां गंगा का अवतरण भी हुआ था।
9. कनकधारा स्त्रोत : आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्तोत्र की रचना की थी।
10. युद्ध समाप्त : इसी दिन महाभारत की लड़ाई खत्म हुई थी।