Akshaya thiruthiyai 2025: अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इसे आखा तीज भी कहते हैं। अक्षय शब्द का अर्थ होता है जिसका कभी क्षय न हो या जिसका कभी नाश न हो। मान्यता के अनुसार कहते हैं कि यदि व्यक्ति दान-पुण्य, स्नान, यज्ञ, जप आदि जैसे शुभ कर्म करे तो इससे मिलने वाले शुभ फलों का कभी क्षय अर्थात नहीं होता है। आओ जानते हैं इस दिन का और क्या है महत्व।
3. इस दिन सोना खरीदना भी बहुत शुभ होता है।
4. इस दिन भगवान नर-नारायण सहित परशुराम और हय ग्रीव का अवतार हुआ था। इसके अलावा, ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी इसी दिन हुआ था। मां गंगा का अवतरण भी इसी दिन हुआ था।
8. अक्षय तृतीया के दिन पंखा, जौ, गेहूँ, चने, सत्तू, दही, चावल, दूध से बने पदार्थ, नमक, घी, चीनी, सब्जी, फल, इमली और वस्त्र वगैरह का दान अच्छा माना जाता है।