विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग नई प्रतिभाओं की पहचान के लिए भी विभिन्न कार्यक्रमों को सहयोग देता है और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए फैलोशिप के रूप में वित्तीय सहायता देता है। विभाग शोधकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, ग्रीष्म विद्यालय तथा संपर्क कार्यक्रम चलाता है। जिन कार्यक्रमों को सहयोग दिया गया है, वे हैं- बॉयकास्ट (बीओवाईएससीएएसटी) फैलोशिप, एसईआरसी छात्र फैलोशिप आदि। स्नातक स्तर के छात्रों को भी फैलोशिप दी जाती है, ताकि उन्हें उत्कृष्ट अनुसंधान प्रयोगशालाओं में कार्य का अनुभव मिल सके।
किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना भी है, जिसका उद्देश्य उच्चतर विद्यालय/कॉलेज स्तर के होनहार युवाओं को प्रोत्साहित करना और उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में ही अपना पेशा चुनने के लिए तैयार करना है।
विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग ने वर्ष 2002 में महिला वैज्ञानिक योजना शुरू की। इसके अंतर्गत महिला वैज्ञानिकों को अपने पेशे में अंतराल देकर या बिना अंतराल दिए विज्ञान के सभी पहलुओं पर काम करने के लिए सहयोग दिया जाता है तथा इसी क्षेत्र को अपना व्यवसाय बनाने और समाज के विकास में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने हेतु प्रेरित किया जाता है।
* विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग औषधि और भेषज अनुसंधान के अंतर्गत दवा कंपनियों और राष्ट्रीय अनुसंधान व विकास की अकादमिक संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत परियोजनाओं में सहायता देता है। कार्यक्रम का उद्देश्य नई दवाओं और ज्ञात दवाओं/दवाओं के महत्वपूर्ण मध्यवर्ती घटकों के लिए दोषमुक्त प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी का विकास करना है। सभी चिकित्सा पद्धतियों- एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्ध और यूनानी- की दवाएँ इसमें शामिल हैं।
* परिषद में एक पेटेंट सुविधा प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य अनुसंधान व विकास कार्यक्रमों की प्रोत्साहन प्रक्रिया में पेटेंट जानकारी को महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना है। इसका काम देश के वैज्ञानिकों/प्रौद्योगिकीविदों को निरंतर पेटेंट सुविधाएँ उपलब्ध कराना, बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में गतिविधियों पर नजर रखना, पेटेंट के बारे में जागृति उत्पन्न करना और जानकारी देना है।
* प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड का गठन सितंबर 1996 में किया गया। यह बोर्ड औद्योगिक इकाइयों तथा अन्य संस्थाओं को स्वदेशी तकनीक के विकास तथा व्यावसायिक उपयोग करने अथवा आयातित तकनीक के वृहद घरेलू उपयोग को अपनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
* परीक्षण तथा अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन बोर्ड (एनएबीएल) परीक्षण, अंशांकन और चिकित्सा प्रयोगशालाओं की तकनीकी क्षमता के लिए औपचारिक मान्यता प्रदान करता है।
* जिला स्तर पर मौजूद आँकड़ों के प्रबंधन की प्रक्रिया को सुधारने के लिए प्राकृतिक संसाधन आँकड़ा प्रबंधन कार्यक्रम चलाया जा रहा है, ताकि स्थानीय क्षेत्र के विकास और प्रबंधन में फैसले लेने की प्रक्रिया आसान हो सके।
* विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग 1980 से विज्ञान और प्रौद्योगिकी की राज्य परिषदों के विकास में सहायता नामक योजना चला रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद स्थापित करने में मदद करना है।