कन्या बचाने का संकल्प

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हमारी आबादी सात अरब से ज्यादा हो गई है और हो सकता है इसमें दिन दुनी - रात चौगुनी के हिसाब से बढ़ोतरी होती रहेगी। इधर असंतुलित लिंगानुपात पर भी काफी कुछ सोचा-लिखा गया है। इसमें कोई दो मत नहीं कि दुनिया में भी और हमारे देश के कुछ हिस्सों में असंतुलित होते लिंगानुपात में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन फिर भी मानसिकता में बदलाव मूल मुद्दा है। जब तक लिंगवादी सोच में मूलभूत बदलाव नहीं आता, कन्या भ्रूण हत्या में अपेक्षित कमी नहीं आ सकेगी।

इसलिए यदि प्रदेश सरकार कन्या बचाओ अभियान चला रही है तो यह अच्छा है। यदि लोगों की मानसिकता बदलो अभियान भी चलाया जाए तो हो सकता है बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकें, लेकिन यह एक भयावह सच तो अब भी है कि भ्रूण हत्याओं में कमी नहीं आई है। इसलिए कन्या बचाने का संकल्प तब तक अधूरा है जब तक मानसिकता नहीं बदलती।

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