पिछले कुछ समय से भारतीयों की जीवनशैली में बहुराष्ट्रीय कंपनियों, मॉल्स, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल कंपनियों के माहौल ने बड़ा परिवर्तन ला दिया है। यह सोच रंगों को लेकर भी बहुत बदल रही है। अब लोग रंगों और उनके प्रयोग के प्रति काफी सजग हो गए हैं। इस सजगता ने पेंट उद्योग को भी बदलकर रख दिया है। विदेशी कंपनियों के आने से इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएँ बढ़ रही हैं। पेंट टेक्नोलॉजी अब युवाओं के लिए नया करियर ऑप्शन बन कर उभरा है। इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की माँग बढ़ती जा रही है।
कम्प्यूटर बेस्ड ट्रेनिंग पेंट टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रमों को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है। पहली श्रेणी आधार पाठ्यक्रम की है, जिसमें बेसिक साइंस पर आधारित शैक्षिक पाठ्यक्रम आते हैं। इन पाठ्यक्रमों का आधार रसायन विज्ञान की वे शाखाएँ होती हैं, जो सीधे-सीधे रसायनों के मूल से जुड़ती हैं। दूसरी श्रेणी के पाठ्यक्रमों में प्रक्रियाओं के परीक्षण होते हैं। इनमें प्रशिक्षण पूरी तरह से कम्प्यूटर आधारित होता है। तीसरी श्रेणी के पाठ्यक्रमों में सतही पेंट टेक्नोलॉजी यानी सरफेस कोटिंग टेक्नोलॉजी के विषय आते हैं।
रसायन विज्ञान होना जरूरी पेंट टेक्नोलॉजी में कॅरियर बनाने के लिए कम से कम बारहवीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। वर्तमान में देश में पेंट टेक्नोलॉजी के कई पाठयक्रम उपलब्ध हैं। उम्मीदवार अपनी योग्यता के अनुसार कोई एक पाठ्यक्रम चुन सकता है। पेंट टेक्नोलॉजी में स्नातक और स्नातकोत्तर, दोनों ही स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। दोनों पाठ्यक्रमों में विज्ञान विषय मूलतः रसायन विज्ञान के विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जाता है। जहां तक ग्रेजुएट स्तर के पाठ्यक्रमों का सवाल है, इनमें बी.टेक. इन पेंट टेक्नोलॉजी, बीएससी (टेक) पेंट्स, बी.टेक. इन कैमिकल टेक्नोलॉजी, बी.टेक. इन ऑयल एंड पेंट टेक्नोलॉजी जैसे प्रमुख पाठ्यक्रम हैं।
पेंट इंजीनियरों की माँग पेंट टेक्नोलॉजी में हर स्तर पर रोजगार के अवसर हैं। आज देशी-विदेशी कितनी ही छोटी-बड़ी पेंट निर्माता कंपनियाँ हैं। इन कंपनियों की साख यों ही नहीं है। इनमें कार्यरत कर्मचारी अपने क्षेत्र के महारथी होते हैं। जिस कंपनी में जितने ज्ञाता होते हैं, उसके उत्पाद की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होती है और उसी आधार पर उसकी माँग भी बढ़ती है। यही कारण है कि एक पेंट कंपनी का अपना अनुसंधान एवं विकास विभाग होता है। यहीं पर पहले उत्पाद की कड़ी जाँच की जाती है और जब वह कसौटी पर खरा उतरता है, तभी उसे बाजार में उतारा जाता है। पेंट इंजीनियरों की माँग उनके उत्पादन से कहीं ज्यादा है। अगर आपमें काबिलियत है तो कोई भी पेंट कंपनी आपको हाथों-हाथ लेगी।
कर सकते हैं खुद का व्यवसाय प्रशिक्षण के बाद आप प्रॉडक्शन डिपार्टमेंट से लेकर रिसर्च, डिस्ट्रीब्यूशन, मैन्यूफैक्चरिंग आदि विभागों में जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता डीलिंग, प्रिंटिंग तथा टीचिंग में भी विकल्प खुले हुए हैं। पेंट उद्योग में बहुत आकर्षक वेतन प्रदान किया जाता है। यदि आप किसी फर्म से नहीं जुड़ना चाहते हैं तो खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
यहाँ से करें कोर्स * यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, नाथलाल पारिख मार्ग, माटुंगा, मुंबई-19। *इंडस्ट्रियल रिसर्च लैबोरेटरी, कैनाल साऊथ रोड, कोलकाता-54। *डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोलकाता यूनिवर्सिटी, कोलकाता। *यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, नार्थ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी, डंबीनगर, जलगाँव।