यदि हमारा राष्ट्रगान सौ साल का हुआ है तो हमारी जिम्मेदारी भी सौ गुना बढ़ी है। इस गीत को गाते हुए इस जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। चूँकि हमारा देश एक युवा देश है, लिहाजा यह और भी जरूरी हो जाता है कि युवा अपनी जिम्मेदारी को समझें। अखबारी सुर्खियों पर एक सरसरी निगाह ही डाली जाए तो यह काली तस्वीर उभर कर आती है कि जिस तेजी से युवाओं में नशाखोरी, हिंसा (और इसमें हर तरह की हिंसा शामिल है), तमाम तरह के अपराध बढ़ रहे हैं, वह चिंता का विषय है। इसलिए यदि अपने देश का राष्ट्रगान गाकर हमारा माथा ऊँचा होता है तो युवाओं में बढ़ते अपराध से शर्म से आँखें नीची भी होती हैं। इन अपराधों को रोकना युवाओं की ही जिम्मेदारी है।