ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति हैं। वे पहले अफ्रीकी-अमेरिकन हैं, जो राष्ट्रपति बने हैं। यह दुनिया के सबसे बड़ी ताकत में खुलेपन की बहुत बड़ी मिसाल कही जाती है। उपनिवेशवाद के दौर में नस्लवाद अमेरिका में एक बड़ा मुद्दा हुआ करता था। एक दौर था जब अमेरिका में श्वेत स्टेलर सोसायटी का दबदबा हुआ करता था।
देश में नस्लवाद का सबसे ज्यादा असर मूल अमेरिकियों, एशियाई अमेरिकियों, अफ्रीकी अमेरिकियों, लेटिन अमेरिकियों पर पड़ा। नस्लवाद के नाम पर एक अलग तरह का समाज था, जिसमें अश्वेत गुलाम होते थे। पास के इंडियन (रेड) के साथ भेदभाव हुआ करता था
देश में नस्लवाद का सबसे ज्यादा असर मूल अमेरिकियों, एशियाई अमेरिकियों, अफ्रीकी अमेरिकियों, लेटिन अमेरिकियों पर पड़ा। नस्लवाद के नाम पर एक अलग तरह का समाज था, जिसमें अश्वेत गुलाम होते थे। पास के इंडियन (रेड) के साथ भेदभाव हुआ करता था। इस तरह का भेदभाव या ढाँचे में बदलाव का असर रोजगार, निवास, शिक्षा और सरकार पर भी पड़ा।
कौन हैं ये अश्वेत : इसका इतिहास काफी पुराना है। 1619 से लेकर 1865 तक अमेरिका में जो अफ्रीकी बंदी रहे हैं उन्हीं की संतानें अब अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी के रूप में जानी जाती हैं। इसमें से कुछ युद्ध बंदी रहे और उन्हें गुलाम की तरह बेच दिया जाता था।
इस इतिहास के स्मरण में बाकायदा हर साल फरवरी में आयोजन भी किया जाता है, जिसे ब्लैक हिस्ट्री मंथ कहा जाता है। अमेरिकी गुलामों की आबादी कई जातीय समूहों से मिलकर बनी है। जिस दौर में अटलांटिक गुलाम व्यापार का चलन था, तब सात क्षेत्रों में इन अफ्रीकी गुलामों की खरीदी-बिक्री की जाती थी।
पहला अफ्रीकी गुलाम : अमेरिका में पहला अफ्रीकी गुलाम वर्जीनिया में 1619 में लाया गया था। कुछ साल काम कराने के बाद गोरे उन्हें भगा देते थे। जैसे ही ये गुलाम आजाद होते थे, उन्हें रखने के लिए होड़ शुरू हो जाती थी। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ने लगी और मैसाच्युसेट्स पहला उपनिवेश था, जहाँ पर 1641 में गुलामी प्रथा को कानूनी जामा पहनाया गया।
सारा मामला बदलना शुरू हुआ 1787 से। एक संवैधानिक परिवर्तन के जरिए यह संभव हुआ। संयुक्त राज्य अमेरिका आकार ले चुका था। इसमें निज स्वतंत्रता पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया गया। इसके बाद भी इन्हें वोट देने का अधिकार नहीं मिल पाया था और पब्लिक स्कूल में इनके बच्चे पढ़ भी नहीं सकते थे।
1790 में अमेरिका में 59,000 अश्वेत ऐसे थे, जो मुक्त थे गुलाम नहीं थे। अश्वेतों को मुक्त कराने की क्रांति हवा पकड़ चुकी थी और अगले 25 साल में अनेक गुलामों को मुक्त कराया गया। 1808 में अमेरिका की संसद ने भी अंतरराष्ट्रीय गुलाम व्यापार को प्रतिबंधित कर दिया।