अक्षय तृतीया : पूरे 1 दशक बाद बना सुंदर संयोग

अक्षय तृतीया का सुंदर अद्‍भुत संयोग पूरे 1 दशक बाद बन रहा है। इससे पूर्व वर्ष 2003 में 5 ग्रहों का ऐसा योग बना था। वर्ष 2019 में एक बार फिर ऐसा संयोग बनेगा, जब 4 ग्रह अपनी उच्च राशि में गोचर करेंगे।


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पर्व का महत्

अक्षय का अर्थ होता है, जिसका क्षय नहीं हो अर्थात जिसका फल नष्ट न हो। अर्थात् अक्षय तृतीया पर किए जाने वाले कार्य, दान, पुण्य व्यर्थ नहीं रहते। त्रेता युग का आरंभ भी इसी दिन से माना जाता है।


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शुभ काम के लिए अति शुभ दि

अक्षय तृतीया के दिन विवाह, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा, व्यापार आरंभ, मुंडन संस्कार आदि का शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा व्यापार के लिए भी यह दिन विशेष रहेगा

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