किसी भी व्यक्ति को देखकर उसकी चारित्रिक विशेषताओं का आकलन किया जा सकता है। चेहरा हमारे व्यक्तित्व और स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है। मन के भीतर जो भाव चलते हैं वही चेहरे पर प्रतिबिंबित होते हैं। आइए जानते है ज्योतिष के आधार पर भौहों और आंखों की बनावट से कैसे की जाती है व्यक्ति की पहचान।
* भौहों के बीच खाली स्थान :` जिस व्यक्ति की भौहों के बीच खाली व चमकदार स्थान होता है, वह जीव स्पष्टवादी, कोमल हृदय तथा आदर्श जीवन व्यतीत करने वाला होता है।
* मोटी भौहें- ऐसा व्यक्ति अहंकारी, तेज स्वभाव तथा अधिक धन की लालसा रखने वाला होता है।
* हल्की भौंहें- शील, संतोष व आंतरिक ज्ञान को दर्शाती है। ऐसा व्यक्ति धनवान एवं ऐश्वर्यशाली होता है।
* धनुषाकार भौहें- ऐसे व्यक्ति कला, संगीत, नृत्य तथा अभिनय में रुचि रखते हैं। उदात्त एवं श्रेष्ठ मूल्यों के प्रति आस्थावान होते हैं। धन संचय के लिए निरंतर संघर्ष करते हैं।
* कानों तक छूती भौंहें- ऐसा व्यक्ति कृपण होता है तथा सामान्य जीवन व्यतीत करता है। विद्या की कमी होती है तथा व्यवहारी नहीं होता है।
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* दोनों भौंहें मिली हों- ऐसा व्यक्ति हर काम कौशल से निकालता है। चतुर एवं संयमी होता है। सदा स्थिर रहता है तथा धीरे-धीरे उन्नति करता है।
नेत्रों के जरिए व्यक्तित्व की पहचान
* लाल नेत्र- लाल नेत्र अहंकार के प्रतीक हैं।
* श्वेत नेत्र- कोमलता, प्रशांति तथा अहिंसा वृत्ति को दर्शाते हैं।
* छोटे नेत्र- विद्या की कमी तथा संघर्षशील जीवन का संकेत है।
* भूरे नेत्र- भूरे नेत्र वाला व्यक्ति धनी, ऐश्वर्यवान तथा बुद्धिमान होता है।
* कमल नयन- कमल नयन सरीखे नयनों वाला व्यक्ति धनी, ऐश्वर्यवान तथा बुद्धिमान होता है।
* गड्ढेदार नेत्र- जिस व्यक्ति की आंखों में गहरे गड्ढे हों, वह सामान्य जीवन व्यतीत करता है। धनहीन तथा अल्प विद्या वाला होता है।
* आंखों में लाल डोरे- कामुकता को, अधिक भोगवृत्ति की ओर संकेत करते हैं।