पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी लंबे समय तक स्थाई बनी रहती है, इसलिए इस दिन को खरीदारी के लिए सबसे शुभ माना गया है। भगवान दत्तात्रेय का जन्म नक्षत्र यही है, जिस कारण यह दिन और भी शुभ हो जाता है।
देशभर में पुष्य नक्षत्र में सबसे अधिक खरीदारी की जाती है। कहा जाता है कि धन अचल होता है और किसी एक के पास रुक नहीं सकता। अगर इसी धन से पुष्य नक्षत्र में खरीदारी कर ली जाए तो खरीदी गई वस्तु चिरस्थाई बनी रहती है।
ज्योतिषाचार्य पं. जीएम हिंगे के अनुसार जिस प्रकार पशुओं में सिंह उसी प्रकार 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र श्रेष्ठ है। पुष्यामृत योग में कोई भी कार्य करने पर यशदायक होता है। दीपावली से पूर्व ऐसा संयोग चार वर्ष पूर्व आया था।
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राशि अनुसार करें खरीदारी
पुष्य नक्षत्र में सभी को अपनी राशियों के अनुसार खरीदारी करना चाहिए।
मेष - भूमि, मकान और मूंगा वृषभ - चांदी व डायमंड, मिथुन - पन्ना, सोना, कर्क - चांदी, मोती, सिंह - सोना, माणिक, कन्या राशि वालों - पन्ना, सोना, तुला - सोना, डायमंड, वृश्चिक - मकान, जमीन, धनु - सोना, पीतल, पुखराज, मकर - वाहन, इलेक्ट्रॉनिक, कुंभ - वाहन, इलेक्ट्रॉनिक मीन- सोना, पुखराज, पीतल खरीदना शुभदायक है।