भावी जीवनसाथी के साथ सात फेरों में बंधने को आतुर युवक-युवतियों के लिए इस वर्ष विवाह के अनेक मुहूर्त हैं। देवउठनी ग्यारस से तुलसी विवाह के साथ शुभ लग्न प्रारंभ होंगे। फरवरी व अप्रैल माह में विवाह के अधिक मुहूर्त हैं।
पं. अमर डब्बावाला के अनुसार श्रेष्ठ पंचांग की गणना के आधार पर विवाह मुहूर्त निकाले गए हैं। मुहूर्त चिंतामणि के मुहूर्त खंड, पंचांगों के शुभ नक्षत्र व शुभ वारों के अनुसार इन तिथियों में विवाह करना दांपत्य सुख का कारक होगा।
इन तारीखों के आधार पर वर तथा कन्या के सूर्य एवं बृहस्पति की स्थिति देखना अनिवार्य है। वर के लिए सूर्य तथा कन्या के लिए बृहस्पति की स्थिति देखने के पश्चात तिथि का चयन किया जाना चाहिए।
वर्तमान में बृहस्पति मेष राशि में परिभ्रमण कर रहे हैं। इस दृष्टि से वृषभ, कन्या, वृश्चिक व मकर राशि वाली कन्याओं के लिए बृहस्पति विपरीत है। इनके लिए विशेष पूजन के बाद ही विवाह करना श्रेष्ठ रहेगा।