ऐसे बचें अपशकुन से

- संतोष मेहत
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जीवन में कई बार हमारे सामने शकुन-अपशकुन होते रहते हैं। शकुन का प्रभाव तो अच्चा होता है लेकिन अपशकुन का प्रभाव अहितकर ही होता है। दिन या रात्रि में जब कभी स्वप्न में भूत, प्रेत या डरावना, बुरा या अशुभ दृश्य दिखाई दे तो अधोलिखित मंत्र का 108 या कम से कम 21 बार जप किया जाए तो स्वप्न का अमंगलकारी प्रभाव निष्क्रिय हो जाएगाः

ह उपसर्गाः शमं यांति ग्रह पीड़ाश्च दारुणाः।
दुःस्वप्नं च नृभिर्दृष्टं सुस्वप्न मुप जायते॥
ह दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्व कामार्थ साधिके।
मम सिद्धिम्‌ सिद्धिं वा स्वप्ने सर्व प्रदर्शय॥

* छिपकली गिरने या गिरगिट चढ़ने परः
जब कभी शरीर पर छिपकली गिर जाती है या गिरगिट चढ़ जाता है तो अपशकुन निवारणार्थ हेतु सर्वप्रथम स्नान कर यह मंत्र अवश्य जपें :
'ॐ नमः शांते प्रशांते ॐ,
हीं हीं सर्व क्रोध प्रशमनी स्वाहा।'

यह मंत्र जप 108 बार या 21 बार पढ़ें। उक्त मंत्र लाभप्रद है एवं अशुभ प्रभाव को क्षीण करते हैं और मंगल होता है।