डाई हार्ड 4.0 – एक्शन का तगड़ा डोज

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20सेंच्युरी फॉक्स की डाई हार्ड सिरीज की सारी फिल्में विशुद्ध एक्शन पर आधारित हैं। इसी सिरीज की ताजा व चौथी कड़ी भी अपने नाम को सार्थक करती है व उन दर्शकों के लिए एक्शन की तगड़ी खुराक है, जो एक्शन फिल्मों के दीवाने हैं। फिल्म में हीरो को अतिमानवीय कारनामे करते दिखाया गया है। हॉलीवुड की फिल्में तो वैसे ही एक्शन के लिए मशहूर हैं, मगर डाई हार्ड 4.0 इस बार हॉलीवुड एक्शन अवॉर्ड्‍स 2007 की तगड़ी दावेदार लगती है।

फिल्म शुरू से ही बाँधे रखती है। वैसे आम राय है कि विशुद्ध एक्शन फिल्मों में कोई कहानी या प्लाट नहीं होता, मगर इस फिल्म की कहानी आपको सोचने पर मजबूर कर देती है। 52 वर्ष के हो चुके ब्रूस विलिस ने न्यूयॉर्क पुलिस के सुपर कॉप जॉन मेक्लैन के किरदार में गजब के एक्शन सीन किए हैं। अगर साउंडट्रेक की बात करें तो वो भी दमदार है।

फिल्म की कहानी अमेरिका के सबसे भयावह दु:स्वप्न सायबर आतंकवाद पर आधारित है। एक सुबह कुछ सुपर हेकर्स द्वारा अमेरिका के सारे ऑनलाइन सिस्टम जैसे परिवहन, सामाजिक सुरक्षा, बिजली, पानी, गैस यानी पूरे तंत्र को हैक कर लिया जाता है। सुरक्षा एजेंसियाँ जब तक हरकत में आ पातीं, तब तक यह हैकर्स अपना काम कर चुके होते हैं।

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यह पूरा काम एक सुपर हैकर थॉमस गैब्रियल (टिमोथी ऑलीफैंट) ने अमेरिका के कुछ कम उम्र मगर जीनियस हैकर्स द्वारा करवाया है, जिन्हें काम पूरा होते ही एक-एक कर खत्म किया जाना है। इसी बीच सुरक्षा एजेंसियाँ सारे हैकर्स को गिरफ्तार करने का आदेश देती हैं और सुपर कॉप जॉन मेक्लैन को युवा हैकर मैट फैरेल (जस्टिन लांग) को गिरफ्तार करने भेजती हैं, वहाँ जॉन की मुठभेड़ जस्टिन को खत्म करने आए हत्यारों से होती है।

मैट फैरेल को बचाकर उसे एफबीआई के मुख्यालय ले जाना होता है, मगर रास्ते में थॉमस गैब्रियल ने हर कदम पर जाल बिछा रखा होता है। थॉमस गैब्रियल व उसके साथी अमेरिका की सारी दौलत पाना चाहते हैं व एक-एक करके सारे ऑनलाइन सिस्टम हैक कर अपने प्लान में लगभग कामयाब हो जाता है, मगर जॉन व युवा फैरेल उसके मंसूबे कामयाब नही होने देते। जॉन को सिर्फ गोली चलाना आता है और फैरेल कम्प्यूटर हैकिंग का महारथी है। दोनों की जोड़ी का गैब्रियल से कड़ा मुकाबला होता है और जैसा कि जाहिर है, अंत भला तो सब भला।

फिल्म का सबसे सशक्त हिस्सा है ब्रूस विलिस का एक्शन, कार से उड़ते हेलिकॉप्टर को मार गिराना, टनल में गैब्रियल द्वारा ब्रूस विलिस व फैरेल को ऑनलाइन सिस्टम से मारने की कोशिश सहित ऐसे कई दृश्य हैं, जिन्हें देखकर दर्शक सीट से उछल पड़ेंगे।

सायबर आतंकवाद पर कई फिल्में बनी हैं, पर एक ब्लॉकबस्टर में पहली बार परदे पर इस आशंका को बखूबी बताया गया है और मानव की टेक्नोलॉजी निर्भरता पर भी सवाल उठाया गया है।

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फिल्म में हाईटेक उपकरणों व हथियारों का भरपूर इस्तेमाल दिखाया गया है। हाँ, फिल्म के अंतिम दृश्यों में कुछ अति-सी हो गई लगती है, जैसे अमेरिकी वायुसेना के सबसे आधुनिक विमान एफ-22 रॉफ्टर को भी जॉन मार गिराता है और भारी गोलीबारी व धमाकों के बावजूद फिल्म का हीरो ‘मैन ऑफ स्टील’ की तरह सही सलामत बच निकलता है।

मगर कुछ भी हो, डाई हार्ड 4.0 पुरानी तीनों फिल्मों से न केवल एक्शन, बल्कि कहानी में भी बाजी मार ले गई है। अगर आप विशुद्ध मनोरंजन की उम्मीद मे हैं तो इस फिल्म को देखना न भूलें, वो भी थिएटर में, क्योंकि एक्शन फिल्मों का सही मजा वहीं आता है।