हर युवा का यह ख्वाब होता है कि वह ऐसी नौकरी करे जिसमें सम्मान, प्रतिष्ठा के साथ समाज के लिए कुछ करने का अवसर मिले। ऐसी ख्वाहिश रखने वाले युवा सिविल सर्विसेज की तैयारी कर सकते हैं जिसमें वे पद, प्रतिष्ठा के साथ समाज के लिए कुछ कर गुजरने की कोशिश कर सकते हैं।
इन सेवाओं में जाना तो बहुत-से लोग चाहते हैं, परंतु जानकारी के अभाव में इसमें जाने अधिकांश युवा जो इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं वे स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इसकी तैयारी प्रारंभ करते हैं और उन्हें इस परीक्षा के मनोविज्ञान को समझने में ही एक-दो वर्ष लग जाते हैं फिर जब वे इससे पूरी तरह परिचित हो पाते हैं तो किसी न किसी चरण में यदि असफल हो गए तो एक-दो साल फिर बिगड़ जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि इस परीक्षा की पद्धति एवं पाठ्यक्रम का गंभीरता से अवलोकन कर ही वैकल्पिक विषयों का चयन किया जाए।
यदि प्रारंभ से ही आपका लक्ष्य सिविल सेवा परीक्षा है तो कोशिश करें कि स्नातक स्तर पर उन विषयों का ही चयन करें जिन्हें आप सिविल सेवा परीक्षा में वैकल्पिक विषयों के तौर पर लेना चाहते हैं। इसका फायदा यह मिलेगा कि स्नातक के दौरान आप इन विषयों पर गहरी पकड़ बना सकते हैं और जब इन विषयों के साथ सिविल सेवा में शामिल होंगे तो आप निश्चित ही उन प्रतियोगियों से अच्छा प्रदर्शन करने की स्थिति में होंगे जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन विषयों को बाद में पढ़ना शुरू किया है।
एक खास बात यह है कि सिविल सेवा परीक्षा में वैकल्पिक विषयों का चयन करते समय दो चीजों का विशेष ध्यान रखें- पहला यह कि ये विषय आपकी रुचि के अनुरूप हो, दूसरा यह कि सिविल सेवा में स्केलिंग पद्धति के बाद अंतिम चयन परिणामों में इनकी क्या स्थिति है, ये कैसे परिणाम दे रहे हैं। याद रखें कि इस परीक्षा की तैयारी से ज्यादा महत्वपूर्ण है विषयों का चयन, क्योंकि इसमें जरा-सी भूल आपको आपकी मंजिल से बहुत करीब लाकर बहुत दूर कर सकती है।
मप्र में गत तीन वर्षों बाद सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन राज्य शासन ने जारी किया है। अवसर के माध्यम से इस परीक्षा की संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। विस्तृत जानकारी के लिए आप मप्र माध्यम द्वारा प्रकाशित 'रोजगार और निर्माण' के उस अंक का अवलोकन अवश्य करें जिसमें राज्य सेवा परीक्षा के विस्तृत विज्ञापन का प्रकाशन किया गया हो।
क्या है राज्य सेवा परीक्षा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष राज्य शासन के विभिन्न विभागों के अंतर्गत निम्नलिखित पदों पर भर्ती के लिए एक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाती है जिसे राज्य सेवा परीक्षा के नाम से जाना जाता हैः- 1. राज्य प्रशासनिक सेवा (उप जिलाध्यक्ष) 2. राज्य पुलिस सेवा (पुलिस उप अधीक्षक) 3. राज्य लेखा सेवा 4. वाणिज्यिक कर अधिकारी 5. जिला आबकारी अधिकारी 6. सहायक पंजीयक, सहकारी संस्थाएँ 7. जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण 8. श्रम अधिकारी 9. जिला पंजीयक 10. रोजगार अधिकारी 11. क्षेत्र संयोजक, आदिम जाति कल्याण 12. विकासखंड अधिकारी 13. सहायक संचालक, खाद्य/ जिला सिविल आपूर्ति अधिकारी 14. परियोजना अधिकारी, सामाजिक/ ग्रामीण गहन साक्षरता परियोजना 15. सहायक संचालक, जनसंपर्क 16. प्राचार्य, पंचायत सचिव, प्रशिक्षण संस्थान 17. जिला अधिकारी महिला एवं बाल विकास 18. मुख्य अनुदेशक (आँगनवाड़ी/ ग्राम सेविका प्रशिक्षण केंद्र) 19. सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास 20. अधीक्षक (संस्थाएँ) 21. सहायक परियोजना अधिकारी (विशेष पोषण आहार कार्यक्रम) 22. क्षेत्रीय संगठक (एमडीएम) 23. परियोजना अधिकारी (एकीकृत बाल विकास परियोजना) 24. जिला सेनानी, नगर सेना 25. सहायक संचालक, स्थानीय निधि संपरीक्षा 26. अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त 27. अधीक्षक, जिला जेल 28. मुख्य नगरपालिका अधिकारी (द्वितीय) 29. अधीनस्थ सिविल सेवा नायब तहसीलदार (कार्यपालक) 30. सहायक अधीक्षक, भू-अभिलेख 31. वाणिज्यिक कर निरीक्षक (कार्यपालक) 32. आबकारी उपनिरीक्षक (कार्यपालक) 33. परिवहन उपनिरीक्षक 34. सहकारिता निरीक्षक/ सहकारिता विस्तार अधिकारी (कार्यपालक) 35. सहायक श्रम अधिकारी 36. उप जेलर (कार्यपालक) 37. उपपंजीयक (कार्यपालक) 38. मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जनपद पंचायत) 39. मुख्य नगर पालिका अधिकारी (तृतीय)
उपरोक्त पदों में पद क्र. 1 से 28 तक के पद द्वितीय श्रेणी एवं 29 से 39 तक के पद तृतीय श्रेणी के हैं। आयोग द्वारा इन पदों पर भर्ती उस वर्ष की रिक्तियों के आधार पर की जाती है। यह आवश्यक नहीं है कि इनमें से सभी पद प्रतिवर्ष भरे जाएँ। आयोग द्वारा प्रतिवर्ष सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से विभिन्ना विभागों से रिक्त पदों की जानकारी माँगी जाती है और उस आधार पर इन रिक्त पदों की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा का विस्तृत विज्ञापन एवं कम्प्यूटराइज्ड आवेदन पत्र 'रोजगार और निर्माण' में प्रकाशित किया जाता है और संक्षिप्त सूचना प्रदेश के सभी प्रमुख समाचार-पत्रों में प्रकाशित की जाती है।
परीक्षा योजना राज्य सेवा परीक्षा निम्नानुसार दो क्रमिक स्तर पर आयोजित की जाती है - 1. प्रारंभिक परीक्षा - मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों के चयन के लिए (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) 2. मुख्य परीक्षा- ऊपर उल्लिखित विभिन्ना सेवाओं और पदों हेतु उम्मीदवारों के अंतिम चयन के लिए मुख्य परीक्षा (लिखित एवं साक्षात्कार)
विशेष- समस्त उम्मीदवार भले ही उन्होंने किसी विशिष्ट सेवा/पद विशेष को अधिमान दिया हो, परीक्षा की योजना में यथा उल्लेखित उतनी ही संख्या के प्रश्नपत्रों में उपस्थित होंगे। केवल जिला संयोजक एवं क्षेत्र संयोजक (आदिम जाति कल्याण) के पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के मामले में उन्हें ही अधिमान्यता दी जाएगी जिन्होंने समाज शास्त्र को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लिया हो।
कैसे होती है स्क्रूटनिंग अ. प्रारंभिक परीक्षा में, आयोग द्वारा विनिश्चित किए गए न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के नाम, उनके द्वारा प्राप्त अंकों के अनुसार मेरिट क्रम में सूचीबद्ध किए जाते हैं, इन उम्मीदवारों में से विभिन्न श्रेणियों के अधीन समान प्राप्तांकों वाले उम्मीदवारों के अतिरिक्तकुल रिक्तियों के पन्द्रह गुना (माना किसी वर्ष 100 पदों का विज्ञापन जारी हुआ है तो कुल 1500 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए चुने जाएँगे) यदि कोई हो, मुख्य परीक्षा के लिए अर्ह माना जाता है और प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम उस अनुसार घोषित किए जाते हैं।
मुख्य परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, भूतपूर्व सैनिक तथा शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों की सूची पृथक रूप से तैयार की जाती है और परिणाम तद्नुसार घोषित किए जाते हैं। प्रारंभिक परीक्षा उम्मीदवारों के मुख्य परीक्षा के चयन हेतु केवल छानबीन (स्क्रीनिंग) परीक्षा होती है और उम्मीदवारों के अंतिम चयन के समय पर इस परीक्षा में प्राप्त अंकों पर विचार नहीं किया जाएगा।
ब. मुख्य परीक्षा में सम्मिलित तथा आयोग द्वारा विनिश्चित किए गए न्यूनतम प्राप्तांकों के आधार पर, उम्मीदवारों की श्रेणीवार मेरिट सूची उनके द्वारा मुख्य परीक्षा में प्राप्त कुल अंकों के क्रम में तैयार की जाती है तथा विभिन्न सेवाओं के अधीन कुल विज्ञापित पद संख्या के तीन गुना (माना किसी वर्ष 100 पद विज्ञापित हुए हैं और 1500 उम्मीदवारों ने मुख्य परीक्षा दी है तो 300 उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए चुने जाएँगे) तथा समान अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को, यदि कोई हो, शामिल करते हुए साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने हेतु अर्ह माना जाता है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, भूतपूर्व सैनिक व शारीरिक रूप से विकलांग उम्मीदवारों की, जो साक्षात्कार के लिए अर्ह पाए गए हों, एक पृथक सूची तैयार की जाती है।
स. साक्षात्कार के पश्चात, आयोग द्वारा उम्मीदवारों के नाम, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार में उन्हें प्राप्त कुल अंकों के अनुसार योग्यता क्रम में रखे जाएँगे। किसी विशिष्ट सेवा के लिए किसी उम्मीदवार की अनुशंसा करते समय, साक्षात्कार के समय अभिमान पत्रक में उसके द्वाराव्यक्त किए गए अधिमान पर (यदि कोई हो) निम्न शर्तों के अधीन ध्यान दिया जाता है-
1. विज्ञापित पदों हेतु अधिमान पत्रक, उम्मीदवारों से साक्षात्कार के समय प्राप्त किया जाता है तथा इसी अधिमान पत्रक में दर्शायी गई वरीयता के अनुसार, गुणानुक्रम में उम्मीदवार का चयन किया जाता है। एक बार अधिमान पत्रक प्रस्तुत कर देने के पश्चात उसमें कोई परिवर्तन/संशोधन करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
2. उम्मीदवारों के चयन पर विचार केवल उन्हीं पदों हेतु किया जाता है, जिनके लिए वे अधिमान पत्रक में पद एवं उसकी वरीयता दर्शाते हैं। किसी अन्य पद पर जो उन्होंने अधिमान पत्रक में उल्लेखित नहीं किया है, उन पदों के लिए विचार नहीं किया जाता है, भले ही वे योग्यताक्रम में उन पदों पर विचार करने के लिए पात्र हों।
3. यदि कोई उम्मीदवार आयोग को सम्यक रूप से भरकर अधिमान पत्रक प्रस्तुत नहीं करता है तो उसके चयन के संबंध में सभी पदों के लिए उस क्रम से विचार किया जाता है जिस क्रम से विज्ञापन में पद सूचीबद्ध किए जाते हैं।
उम्मीदवार पदों की वरीयता के लिए अधिमान पत्रक को अत्यधिक सावधानी से भरें, क्योंकि ये उनके चयन को प्रभावित कर सकता है। हो सकता है कि जानकारी के अभाव में आप ऐसे पद को वरीयता क्रम में नीचे स्थान दे दें जिस पर आपका चयन हो सकता था, परंतु वरीयता नदेने से उस पद हेतु आपके नाम पर विचार नहीं किया गया।
अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग, शारीरिक रूप से विकलांग एवं भूतपूर्व सैनिक उम्मीदवारों के मामलों में प्रत्येक पद के लिए योग्यता सूची, उनके लिए आरक्षित रिक्त स्थानों की सीमा तक इसी प्रकार पृथक रूप से तैयार की जाती है। उम्मीदवार का परीक्षा परिणाम उसी प्रवर्ग में घोषित किया जाता है जो उसने आवेदन पत्र में उल्लेखित किया है। यदि अजा, अजजा तथा अपिव का कोई उम्मीदवार, उसके कुल अंकों के आधार पर सामान्य सूची में स्थान प्राप्त कर लेता है, तो उसे सामान्य सूची में दर्शाया जाता है।
ऐसे आरक्षित प्रवर्ग के उम्मीदवार को अनारक्षित पदों के विरुद्ध तभी समायोजित किया जाता है जब वह हर प्रकार से सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के समान ही, बिना किसी शिथिलीकरण के योग्यता प्राप्त करते हैं। इस प्रकार का समायोजन अंतिम चयन परिणाम घोषित करते समय ही किया जाता है।
पात्रता संबंधी शर्तें 1. राष्ट्रीयता- उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए। 2. न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता- उम्मीदवार के पास भारत में केन्द्रीय या राज्य विधान मंडल के अधिनियम के द्वारा निगमित विश्वविद्यालयों में से किसी विश्वविद्यालय की या संसद के किसी अधिनियम द्वारा स्थापित या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, 1956 की धारा 3 के अधीन विश्वविद्यालय समझी गई किसी शैक्षणिक संस्था की उपाधि होनी चाहिए अथवा उसके समकक्ष अर्हताएँ होनी चाहिए।
अर्ह उपाधि के अंतिम वर्ष की परीक्षा में सम्मिलित उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा के पात्र होते हैं। ऐसे समस्त उम्मीदवारों को जो मुख्य परीक्षा के लिए पात्र घोषित किए गए हों, मुख्य परीक्षा के लिए अपने आवेदन के साथ अपेक्षित अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण करने की अंकसूची प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। अंकसूची संलग्न न होने पर उनका आवेदन अस्वीकार हो जाता है।
3. आयु- क. उम्मीदवार ने विज्ञापन के प्रकाशन की तारीख के पश्चात की एक जनवरी को 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो और 30 वर्ष की आयु पूरी न की हो- परंतु सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रं. सी-3-5/2001/3/1, दि. 17 अगस्त 2004 द्वारा मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गई है। किंतु गृह (पुलिस) विभाग, आबकारी विभाग तथा जेल विभाग के प्रशासनिक पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा उनके भर्ती नियमों के अनुसार होती है।
सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र.सी-3-5/2008/3/1, दि. 23 फरवरी 2008 द्वारा मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासयों के लिए अधिकतम आयु सीमा 35+3 द 38 वर्ष नियत की गई है (गृह, जेल व आबकारी विभाग के पदों को छोड़कर)। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाती है। महिलाओं को 10 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाती है। (इसके अतिरिक्त भी कई प्रकार की छूट अधिकतम आयु सीमा में दी जाती है, जिसके लिए उम्मीदवार विस्तृत विज्ञापन का अवलोकनकर सकते हैं)।
इस प्रकार आयोजित होती है परीक्षा 1. संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में दो क्रमिक चरण हैं : (1) मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों के चयन के लिए राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ) (2) सेवाओं तथा पदों के विभिन्न प्रवर्गों के लिए उम्मीदवारों के चयन हेतु राज्य सेवा मुख्य परीक्षा (लिखित एवं साक्षात्कार) 2. प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के दो प्रश्न-पत्र होते हैं तथा नीचे दी गई योजनानुसार प्रश्न-पत्र अधिकतम 450 अंकों के होते हैं- प्रथम प्रश्न-पत्र सामान्य अध्ययन 2 घंटे 150 अंक द्वितीय प्रश्न-पत्र पैरा 3 में दिए गए ऐच्छिक प्रश्न-पत्रों में से चुना गया एक विषय 2 घंटे 300 अंक
यह परीक्षा केवल छानबीन (स्क्रीनिंग टेस्ट) के रूप में ली जाती है और ऐसे उम्मीदवारों द्वारा जिन्हें मुख्य परीक्षा में प्रवेश के लिए अर्ह घोषित किया जाता है, प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त किए गए अंकों की गणना, उनका अंतिम योग्यता क्रम निर्धारित करने में नहीं की जाती है।
3. प्रारंभिक परीक्षा के लिए एच्छिक विषयों की सूची- 1. कृषि 2. पशुपालन तथा पशु चिकित्सा विज्ञान 3. प्राणी शास्त्र 4. वनस्पति शास्त्र 5. रसायन शास्त्र 6. भौतिकी 7. गणित 8. सांख्यिकी 9. सिविल इंजीनियरिंग 10. विद्युत इंजीनियरिंग 11. यांत्रिकी इंजीनियरिंग 12. वाणिज्य 13. अर्थशास्त्र 14. भारतीय इतिहास 15. भूगोल 16. भू-विज्ञान 17. राजनीति शास्त्र 18. लोक प्रशासन 19. समाज शास्त्र 20. अपराध शास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान 21. मनोविज्ञान 22. दर्शन शास्त्र 23. विधि।
4. अ. दोनों प्रश्न-पत्र वस्तुनिष्ठ (बहु विकल्प) प्रकार के होते हैं। प्रत्येक प्रश्न के लिए चार संभाव्य उत्तर होते हैं जिन्हें अ, ब, स और द में समूहीकृत किया जाता है, जिसमें से केवल एक उत्तर सही होता है। उम्मीदवार से अपेक्षा की जाती है कि वे उत्तर पुस्तिका में उसके द्वारा निर्णीत सही माने गए अ, ब, स या द में से केवल एक पर चिन्ह लगाएँ।
ब. प्रथम प्रश्न पत्र (अनिवार्य विषय- सामान्य अध्ययन) में 150 प्रश्न होते हैं। प्रत्येक प्रश्न के लिए 01 अंक होता है और यह 2 घंटे की समयावधि का होता है। द्वितीय प्रश्न पत्र में 120 प्रश्न होते हैं, प्रत्येक प्रश्न 2.5 अंक का होता है और यह भी दो घंटे समयावधि का होता है।
स. ऐच्छिक विषयों के लिए पाठ्यक्रम की विषय वस्तु उपाधि स्तर की होती है। प्रारंभिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन तथा ऐच्छिक विषयों का विस्तृत पाठ्यक्रम राज्य सेवा परीक्षा का विज्ञापन प्रकाशित होने वाले रोजगार और निर्माण के अंक में आवेदन पत्र के साथ प्रकाशित होता है।
द. इंजीनियरिंग विषयों को छोड़कर प्रत्येक प्रश्न पत्र हिन्दी तथा अँगरेजी में होता है। इंजीनियरिंग विषयों के प्रश्न-पत्र केवल अँगरेजी में होते हैं।
5. मुख्य परीक्षा में प्रवेश पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या विज्ञापन में दर्शित की गई सेवा तथा पदों के विभिन्न प्रवर्गों से भरी जाने वाली कुल रिक्तियों की संख्या से लगभग 15 गुना होती है। केवल वे ही उम्मीदवार जिन्हें आयोग ने विशिष्ट विज्ञापन के अधीन प्रारंभिक परीक्षा में अर्ह घोषित किया हो, मुख्य परीक्षा में प्रवेश पाने के पात्र होते हैं। मुख्य परीक्षा की पात्रता हेतु उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारोंहेतु ये न्यूनतम अर्हकारी अंक 30 प्रतिशत होते हैं।
6. लिखित परीक्षा- लिखित परीक्षा में परंपरागत निबंध शैली के प्रश्नों के सात प्रश्न पत्र होते हैं जो निम्नानुसार होते हैं-
क. अनिवार्य विषय प्रथम प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन 3 घंटे 300 अंक द्वितीय प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन 3 घंटे 300 अंक तृतीय प्रश्न पत्र सामान्य हिन्दी 3 घंटे 300 अंक
ख. ऐच्छिक प्रश्न पत्र चतुर्थ प्रश्न पत्र प्रथम वैकल्पिक विषय 3 घंटे 300 अंक पंचर्म प्रश्न पत्र प्रथम वैकल्पिक विषय द्वितीय प्रश्न पत्र 3 घंटे 300 अंक षष्टम प्रश्न पत्र द्वितीय वैकल्पिक विषय 3 घंटे 300 अंक सप्तम प्रश्न पत्र द्वितीय वैकल्पिक विषय द्वितीय प्रश्न पत्र 3 घंटे 300 अंक
साक्षात्कार परीक्षा- साक्षात्कार परीक्षा के लिए 250 अंक होते हैं। उम्मीदवार को प्रत्येक विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के मामले में न्यूनतम अर्हकारी अंक 23 प्रतिशत होते हैं।
7. मुख्य परीक्षा के लिए ऐच्छिक विषयों की सूची इस प्रकार है- क्रमांक 1 से 23 तक प्रारंभिक परीक्षा अनुसार 24. हिन्दी साहित्य 25. अँगरेजी साहित्य 26. संस्कृत साहित्य 27. उर्दू साहित्य 28. मानव विज्ञान 29. सैन्य विज्ञान।
8. उम्मीदवार को निम्नलिखित विषय एक साथ लेने के लिए अनुमति नहीं दी जाती है- 1. राजनीति शास्त्र तथा लोक प्रशासन 2. मानव विज्ञान और समाज शास्त्र 3. गणित और सांख्यिकी 4. कृषि तथा पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान 5. इंजीनियरिंग विषयों में एक से अधिक विषय नहीं ले सकते 6. हिन्दी साहित्य, अँगरेजी साहित्य, संस्कृत साहित्य व उर्दू साहित्य में से एक से अधिक विषय नहीं ले सकते हैं।
9. 1. प्रत्येक प्रश्न-पत्र तीन घंटे की अवधि का होता है। 2. परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र परंपरागत निबंध शैली का होता है। 3. क. भाषा के प्रश्न पत्रों को छोड़कर, सभी प्रश्न-पत्र हिन्दी और अँगरेजी में होते हैं। इंजीनियरिंग विषयों के प्रश्न-पत्र केवल अँगरेजी में होते हैं।
ख. उम्मीदवारों को भाषा के प्रश्न-पत्र को छोड़कर, शेष सभी प्रश्न पत्रों को हिन्दी या अँगरेजी में उत्तर लिखने का विकल्प होता है। 4. प्रत्येक प्रश्न-पत्र में प्रथम प्रश्न-पत्र अनिवार्य होता है (जिसमें 20 लघु प्रश्न सम्मिलित होते हैं, प्रत्येक का उत्तर एक अथवा दो पंक्तियों में देना होता है) प्रत्येक प्रश्न 03 अंको का होता है। इन प्रश्नों के अधिकांश भाग में पाठ्यक्रम का समावेश होता है।