फूलों की सुगंध नहीं, स्वाद लीजिए

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एडिबल फ्लावर्स यानी वे फूल जो खाने योग्य होते हैं या जिनका प्रयोग भोजन को बनाने या सजाने में किया जाता है। एडिबल फूलों को कच्चा या पकाकर किसी भी प्रकार के सॉस या डिश के साथ खाया जा सकता है।

गुलाब - गुलाब की लगभग सभी किस्में खाने योग्य होती हैं। इसकी पत्तियों का उपयोग सलाद, आइसक्रीम, मिठाई, गुलाब-जल, जैम-जेली, शरबत तथा भोजन की गार्निशिंग करने में किया जाता है।

मेरी गोल्ड - इसे कैलेंडुला भी कहा जाता है। गोल्डन-ऑरेंज रंग की इसकी पत्तियों का स्वाद कुछ चटपटा, हल्का तीखा और केसर के स्वाद जैसा होता है। इन्हें सूप, पास्ता, चावल की डिशेज, सलाद आदि की गार्निशिंग के लिए प्रयोग किया जाता है।

जेस्मीन (मोगरा)- इसका पारंपरिक उपयोग चाय को सुगंधित करने और इत्र आदि में किया जाता है।

चमेली- मीठे स्वाद वाला यह फूल बहुत ही खूबसूरत होता है, इसका उपयोग शैंपेन, चॉकलेट, केक, कस्टर्ड, शरबत और जेली आदि में किया जाता है।

गुलदाउदी- लाल, पीले, गुलाबी, सफेद और नारंगी रंग के इन फूलों का उपयोग सलाद और सिरके में फ्लेवर बढ़ाने के लिए किया जाता है।

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एडिबल फूलों का प्रयोग करते समय निम्न सावधानियाँ रखी जानी चाहिए -

किसी भी फूल का भोजन में प्रयोग तभी करें, जब आप उसके बारे में पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएँ कि यह खाने योग्य है।

भोजन में प्रयोग करने के लिए फूलों को कभी किसी ऐसी जगहों से न खरीदें जहाँ पर फूलों को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग किया जाता है।

फूलों को खाने में प्रयोग करने से पहले उनके तने और पिस्टिल निकाल दें, क्योंकि अधिकांश फूलों की सिर्फ पत्तियाँ ही खाने योग्य होती हैं।

यदि खाने में पहली बार फूलों का उपयोग कर रही हैं तो एक ही प्रकार के फूल लें, क्योंकि अधिक मात्रा में फूलों का उपयोग आपके पाचन-तंत्र को प्रभावित कर सकता है।

गुलाब, ट्यूलिप, इंग्लिश डेजी, मेरीगोल्ड आदि फूलों की पत्तियों का सफेद भाग कड़वा होता है, अतः प्रयोग करने से पहले इन्हें निकाल दें।

फूलों को पूरी तरह खिलने के बाद ही प्रयोग में लाएँ, मुरझाए फूल या कलियों को प्रयोग में न लाएँ।

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