अंतरिक्ष कार्यक्रमों के इतिहास में 'एसटीएस-117' नासा का सर्वाधिक महात्वाकांक्षी अभियान है। इस अभियान के तहत प्रक्षेपित स्पेस शटल अटलांटिस, जिसे कैनेडी के स्पेस सेंटर से 8 जून, 2007 को छोड़ा गया था, इस सफलता को असलियत का जामा पहनाने का जरिया है। हालाँकि यह निर्धारित तिथि 26 फरवरी, 2007 को कुछ कारणों से प्रक्षेपित नहीं हो सका। इस मिशन की कुल समयसीमा 13 दिनों की है।
एसटीएस-117 के प्रमुख सदस्य एक्सपीडीशन 15/16 फ्लाइट इंजीनियर क्लेटन सी एंडरसन, अभियान विशेषज्ञ जेम्स रेली द्वितीय, स्टीवन स्वानसन, कमांडर फ्रेडरिक स्ट्रकोव, पाइलट ली आर्केम्बॉल्ट, अभियान विशेषज्ञ पैट्रिक फॉरेस्टर और जॉन डी ओलिवस हैं।
यह अभियान मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जो मुख्य रूप से ऊर्जा तंत्र से जुड़ा हुआ है। साथ ही इस अभियान के तहत अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम की पृथ्वी पर वापसी और अभियान के 15वें सदस्य क्लेटन एंडरसन को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुँचाना भी एक उद्देश्य है। क्लेटन एसटीएस-120 अभियान के तहत डिस्कवरी शटल द्वारा वापस आएँगे।
अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत स्पेस शटल की 118वीं उड़ान है, जबकि अटलांटिस की 28वीं। इस पूरे कार्यक्रम की समाप्ति के लिए अभी 13 उड़ानें बाकी हैं, जिनके सम्पन्न होने के साथ ही 2010 तक इस कार्यक्रम को भी समाप्त कर दिया जाएगा।
सुनीता विलियम्स : सफलता के नए आयाम सर्वाधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में भारतीय मूल की फ्लाइट इंजीनियर सुनीता विलियम्स ने
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इस अंतरिक्ष यात्रा के दौरान यादगार रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 1996 में शेनॉन ल्यूसिड का 188 दिन और 4 घंटों का पिछला रिकॉर्ड तोड़ा है।
19 सितम्बर, 1965 ओहियो के यूक्लिड शहर में जन्मी सुनीता मूलतः मैसाचुसेट्स की निवासी हैं। उन्होंने माइकल जे विलियम्स नामक व्यक्ति से विवाह किया है। मैसाचुसेट्स से ही हाई स्कूल पास करने के बाद 1987 में उन्होंने फिजिकल साइन्स में बीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात 1995 में उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में एमएस की उपाधि हासिल की।
जून, 1998 से नासा से जुड़ी सुनीता ने अभी तक कुल 30 अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में 2770 उड़ानें भरी हैं। साथ ही सुनीता सोसाइटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलेट्स, सोसाइटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स और अमेरिकी हैलिकॉप्टर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं।
कार्यक्षेत्र में अपनी उपलब्धियों से उन्हें नेवी कमेंडेशन मेडल (2), नेवी एंड मैरीन कॉर्प एचीवमेंट मेडल, ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल जैसे कई सम्मानों से सम्मानित किया गया है। -प्रियंका पांडेय