फुटबॉल मैदान से लगभग आधे आकार का एक क्षुद्रग्रह कल रात पृथ्वी के बहुत करीब से गुजरेगा। इस क्षुद्रग्रह की पृथ्वी से दूरी मौसम का हाल बताने और दूरसंचार सेवाओं के लिए प्रयोग किए जा रहे स्थापित उपग्रहों से भी कम होगी।
प्लेनेटरी सोसाइटी ऑफ इंडिया के सचिव और निदेशक एनश्री रघुनंदन कुमार ने कहा कि ‘2012 डीए 14’ नामक एक क्षुद्रग्रह 16 फरवरी को रात बारह बजकर दस मिनट पर पृथ्वी से 27 हजार 700 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा।
45 मीटर चौड़ी इस अंतिरिक्षीय चट्टान की गति 7.8 किलोमीटर प्रति सेकेंड है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि पृथ्वी के इतिहास में यह पहली बार है कि कोई क्षुद्रग्रह इसके इतने करीब से गुजरेगा। इस क्षुद्रग्रह की खोज 23 फरवरी 2012 को स्पेन में हुई थी।
पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी की सीमा के भीतर ही कहीं गुजरने वाले इस क्षुद्रग्रह से पृथ्वी पर कोई खतरा नहीं है।
इसके बाद यह 15 फरवरी 2019 को पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक होगा। तब इसकी पृथ्वी से दूरी 6,91,64,078 किलोमीटर होगी। पिछली बार यह 16 फरवरी 2012 को पृथ्वी के नजदीक आया था। तब इसकी पृथ्वी से दूरी 26,06,840 किलोमीटर थी।
यह क्षुद्रग्रह नग्न आंखों से तो देखा नहीं जा सकता लेकिन दूरबीन की मदद से इसे जरूर देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी और इस क्षुद्रग्रह की करीबी को देखने का सबसे बेहतर स्थान इंडोनेशिया रहेगा। पूर्वी यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया भी इसे देखने के लिए बेहतर स्थान हो सकते हैं।
इसी बीच ‘क्षुद्रग्रह 1999 वाईके 5’ 15 फरवरी के दिन दोपहर तीन बजकर 48 मिनट पर पृथ्वी से लगभग 1,88,87,632 किलोमीटर की दूरी पर से होकर गुजरेगा। इस क्षुद्रग्रह की गति बीस किलोमीटर प्रति सेकेंड है। (भाषा)