सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में केपरीकार्न हॉस्पिटलिटी सर्विसिज और बिजली क्षेत्र में इंदुस रिन्यूवेबल एनर्जी इंडिया में विदेशी निवेश की मंजूरी सहित 1360.52 करोड रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दिखा दी है।
इसके साथ ही सरकार ने जेट एअरवेज इंडिया लिमिटेड सहित 14 प्रस्तावों की मंजूरी फिलहाल आगे के लिये टाल दी और चार प्रस्तावों को नामंजूर भी कर दिया जबकि मित्सुई प्राइम एडवांस कंपोजिट्स इंडिया के प्रस्ताव में आटोमेटिक रुट लेने की सलाह दी है।
जिन 26 प्रस्तावों को गुरुवार को मंजूरी दी गई उनमें दिल्ली की मेसर्स केपरीकार्न हॉस्पिटलिटी सर्विसेज प्रा. लि. में 49 प्रतिशत तक इक्विटी में विदेशी निवेश का प्रस्ताव है। इससे कंपनी में 576 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश आने की उम्मीद है। दूसरा प्रस्ताव हैदराबाद की इंदुस रिन्यूवेबल एनर्जी इंडिया प्रा.लि.का है। कंपनी जलविद्युत क्षेत्र में लगी देश विदेश की कंपनी के जरिये 500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। अहमदाबाद की शहरी विकास क्षेत्र की एक अन्य कंपनी सद्भाव इंजीनियरिंग लि.राईट् इश्यू के जरिये 125 करोड़ रुपए जुटायेगी।
सरकार ने निजी विमानन कंपनी जेट एअरवेज के योग्य विदेशी संस्थागत निवेशकों के जरिये इक्विटी निवेश प्राप्त करने के प्रस्ताव को फिलहाल आगे के लिये टाल दिया। यूटीवी साफ्टवेयर क्म्युनिकेशन, नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम, सिफी टैक्नालॉजीज, टेलिकॉम इन्वेस्टमेंट सहित 13 और कंपनियों के निवेश प्रस्ताव पर भी फैसला आगे के लिये टाल दिया गया।