डाबर ने याचिका में कहा कि पतंजलि अपने विज्ञापनों के माध्यम में डाबर च्यवनप्राश को गलत तरीके से बदनाम कर रही है और उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रही है। डाबर का आरोप है कि पतंजलि अपने विज्ञापनों के जरिए डाबर के च्यवनप्राश को जानबूझकर साधारण और कमजोर बता रहा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की है।