संकट से विकासशील देश चिंतित

वेबदुनिया डेस्क
विकासशील देशों के संगठन जी-24 से जुड़े भारत, पाकिस्तान, मिस्र, ईरान, ब्राजील, मैक्सिको और फिलीपींस समेत दुनिया के कई अन्य देशों से कहा है कि विकसित देशों से शुरू हुआ वित्तीय संकट उन्हें गंभीर मुश्किलों में डाल रहा है। पर इसके बावजूद समृद्ध देश उन्हें समुचित मदद नहीं दे रहे हैं हालाँकि वे ऐसा करने का आश्वासन जरूर देते हैं।

इस संकट के बारे में जी-24 देशों के अध्यक्ष और कांगो के रिजर्व बैंक प्रमुख ज्याँ क्लॉड मासूंगू मुलोंगो का कहना है कि इस खतरनाक होती स्थिति से हमारा बैंकिंग सिस्टम बरबाद हो सकता है। उनका मानना है कि विकसित देश तो किसी प्रकार इस समस्या पर काबू पा लेंगे, लेकिन विकासशील और गरीब देशों के लिए इस संकट का मुकाबला करना असंभव हो जाएगा।

इन देशों ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से भी मदद की गुहार लगाई है जबकि इस मामले पर विकसित देशों के अपने तर्क हैं और वे कहते हैं कि उनके यहाँ भी रिस्क मैनेजमेंट का सही इंतजाम नहीं है ऐसे में उनके लिए अपनी सुरक्षा करना भी मुश्किल है।

अमेरिकी सरकार की मुहिम : इस बीच अमेरिकी सरकार ने अपने देश में बैंकों की खराब हालत को सुधारने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है। अमेरिकी वित्त मंत्री हेनरी पॉल्सन का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कर्ज न लौटाने से बर्बाद हुई कंपनियों, बैंकों की बैलेंस शीट को सुधारा जा सके।

आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री का भी कहना है कि दुनियाभर के शेयर बाजारों में और गिरावट आ सकती है लेकिन सबसे खराब हालातों में भी बाजारों में और 20 फीसदी से अधिक की गिरावट नहीं आएगी।

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