लीग चरण में कमजोर टीमों के खिलाफ आसान जीत हासिल करने वाले भारत की आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्वकप में असली परीक्षा शुक्रवार को लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज के खिलाफ सुपर आठ मैच में होगी। यह मैच भारतीय समयानुसार रात 10 बजे शुरू होगा।
महेंद्रसिंह धोनी और उनकी टीम अब तक मैदान के बाहर के विवादों से भी घिरी रही लेकिन इस सबसे उसका ध्यान भंग नहीं हुआ और उसने ग्रुप 'ए' लीग चरण में बांग्लादेश और आयरलैंड पर आसान जीत दर्ज की। लेकिन इसके बाद की उसकी राह काफी कठिन होगी। विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के चोटिल होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने से भी उसकी मुश्किलें बढ़ी हैं, जो किसी भी मैच का पाँसा पलटने का माद्दा रखते हैं।
धोनी ने भी स्वीकार किया कि सुपर आठ में पहुँचना अच्छा है। अब प्रत्येक मैच बहुत मुश्किल होगा। कामचलाऊ सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने हालाँकि बेहतरीन प्रदर्शन करके सहवाग की कमी नहीं खलने दी है। इसके अलावा गेंदबाजी के अगुआ जहीर खान के कंधे की चोट से उबरकर फॉर्म में लौटना भी धोनी के लिए खुशी की बात है।
जहीर ने आयरलैंड के खिलाफ कल 19 रन देकर चार विकेट लिए। उन्होंने अपनी लय हासिल कर ली है, जिससे भारत का आक्रमण अधिक मजबूत हो गया है। जहीर ने ट्रेंटब्रिज में जब आते ही अपना दबदबा बनाया तो धोनी के चेहरे पर भी सुकून दिख रहा था।
उन्होंने कहा कि वास्तव में यह हमारे लिए बहुत अच्छा है कि वे फॉर्म में लौट आए हैं। वे गेंद स्विंग करा रहे हैं और गेंद को सही जगह पर पिच करा रहे हैं। हमारे गेंदबाजों ने वास्तव में नई गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया तथा स्पिनरों ने भी अच्छी भूमिका निभाई। मैं अपनी गेंदबाजी से खुश हूँ।
धोनी ने अभ्यास और ग्रुप मैचों का उपयोग प्रयोग के लिए किया और उन्होंने अब टूर्नामेंट के मुख्य हिस्से के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। भारतीयों का क्षेत्ररक्षण अपेक्षानुरूप नहीं रहा है और कप्तान चाहते हैं कि खिलाड़ी अब कोई भी गलती न करें।
उन्होंने कहा कि क्षेत्ररक्षण में हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए। हम क्षेत्ररक्षण में निश्चित तौर पर बेहतर कर सकते हैं। हम इस क्षेत्र में 80 से 90 प्रतिशत ही प्रभावी रहे। मैं खिलाड़ियों से कुछ ज्यादा की अपेक्षा कर रहा हूँ लेकिन मैं जानता हूँ कि हम ऐसा कर सकते हैं।
धोनी इसलिए भी अपने खिलाड़ियों से अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि वेस्टइंडीज ट्वेंटी-20 प्रारूप की अच्छी टीम है ओर उसने हाल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर उसे बाहर का रास्ता दिखाया। वेस्टइंडीज के कप्तान क्रिस गेल पूरी तरह से ट्वेंटी-20 से जुड़ना चाहते हैं, चाहे इसके लिए उन्हें टेस्ट और एकदिवसीय का ही बलिदान क्यों न करना पड़े।
सलामी बल्लेबाज गेल स्वयं वेस्टइंडीज की बड़ी ताकत हैं। वर्तमान टूर्नामेंट में एक पारी में सर्वाधिक रन बनाने वाले गेल ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय में शतक जमाने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं। वे तूफान की तरह हैं जो विरोधी आक्रमण को तहस-नहस करने में कसर नहीं छोड़ते।
गेल वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी की धुरी हैं, लेकिन उनके अलावा टीम में कई अन्य अच्छे बल्लेबाज भी हैं जिनमें शिवनारायण चंद्रपाल, जेवियर मार्शल, रामनरेश सरवन, आंद्रे फ्लैचर, ड्वेन ब्रावो और विकेटकीपर दिनेश रामदीन किसी भी गेंदबाजी आक्रमण पर हावी होने का माद्दा रखते हैं।
फिदेल एडवर्ड्स और जेरोम टेलर की अगुआई में उसका गेंदबाजी आक्रमण भी मजबूत दिखता है। इनमें से एक की यॉर्कर किसी मिसाइल की तरह होती हैं तो दूसरे की स्विंग विशेषकर लेट स्विंग विरोधी टीम की चूलें हिला सकती हैं। भारतीय टीम अंतिम ओवरों में हावी होने के लिए विकेट बचाए रखने को तरजीह देगी लेकिन एडवर्ड्स और टेलर जैसे गेंदबाजों के सामने यह आसान नहीं होगा।
धोनी इसके साथ ही अपने मैच विजेता गेंदबाजों को भी रखना चाहेंगे और अच्छी बात यह है कि उनके चारों गेंदबाज जहीर और ईशांत तथा हरभजन और प्रज्ञान ओझा अच्छी फॉर्म में हैं लेकिन इस छोटे प्रारूप में गेल जैसे विस्फोटक बल्लेबाज की मौजूदगी में कुछ भी हो सकता है।
गेल की टीम की एकमात्र कमजोरी प्रदर्शन में एकरूपता का नहीं होना है। हाल के वर्षों में कैरेबियाई टीम लगातार उतार-चढ़ावों से गुजरती रही है। इसके अलावा वेस्टइंडीज का क्षेत्ररक्षण अभी तक बहुत खराब रहा है। वेस्टइंडीज के कप्तान ने स्वयं स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 20 रन अतिरिक्त दिए। इसके बावजूद वह गेल की तूफानी पारी से ऑस्ट्रेलिया को हराने में सफल रहा।
टीम इस प्रकार हैं : भारत - गौतम गंभीर, रोहित शर्मा, महेंद्रसिंह धोनी, युवराजसिंह, सुरेश रैना, यूसुफ पठान, इरफान पठान, हरभजनसिंह, जहीर खान, ईशांत शर्मा और प्रज्ञान ओझा।