जरा सी चूक, साल बर्बाद!

मई और जून का महीना विद्यार्थियों के लिए एक तरह से करियर बनाने का होता है। यही दो माह विद्यार्थियों के भविष्य का फैसला करते हैं, लेकिन छात्रों की जरा सी चूक उनका पूरा एक साल बर्बाद कर देती है। यह जानने के बावजूद छात्र लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

हाल ही में 'मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट' प्रवेश परीक्षा के फार्म तय तिथि के बाद जमा करने की सजा सैकड़ों छात्रों को अपात्र होने के रूप में मिल रही है। वहीं जानकारी के अनुसार आगामी 31 मई को होने वाली पीपीटी व 7 जून को होने वाली पीईपीटी की परीक्षा के लिए भी कई छात्रों ने तय तिथि के बाद आवेदन किया है। इसके अलावा जिन छात्रों ने गलत फार्म भरकर जमा किया था उनको दोबारा नया फार्म भरना पड़ा है।

गौरतलब है कि व्यापमं ने पिछले साल से आवेदन-पत्रों की गलती सुधारने की सुविधा बंद कर दी है। इसके चलते हजारों छात्र अपनी जरा सी चूक व लापरवाही के चलते परीक्षा में शामिल होने से अपात्र हो रहे हैं।

पिछले साल मंडल को कई ऐसी ओएमआर शीट प्राप्त हुई थीं जो या तो आधी-अधूरी भरी हुई थीं या उनमें हल्दी आदि के दाग लगे हुए थे जिन्हें कम्प्यूटर ने रिजेक्ट कर दिया था। मंडल प्रवक्ता सुनील श्रीवास्तव का कहना है कि पीपीटी व पीईपीटी के आवेदनों की छँटाई की जा रही है। जो आवेदन नियत तिथि के बाद आए होंगे उन्हें निरस्त किया जाएगा। जबकि ओएमआर शीट में भरी अधूरी व गलत जानकारी खुद-ब-खुद कम्प्यूटर ही निरस्त कर देता है।

यह गलती करते हैं छात्र : हफार्म जमा करने की अंतिम तिथि के ठीक एक दिन पहले डाक से मंडल कार्यालय भेजते हैं।
*हस्ताक्षर करना भूल जाते हैं।
*सही स्थान पर फोटो नहीं चिपकाते हैं।
*जाति के कॉलम को सही नहीं भर पाते हैं।
*जेण्डर (लिंग) सही नहीं भर पाते।
*मूल निवासी वाले कॉलम को खाली छोड़ देते हैं।
*जन्मतिथि के कॉलम में भरते कुछ और हैं तथा गोले कुछ और काले करते हैं।

फार्म जमा करने की अंतिम तिथि :
प्री-एमसीए 29 मई
एमईटी 29 मई
पीपीटी 4 मई
पीईपीटी/पीएटी 10 मई
पाहुट 20 मई
जीएनटीएसटी 23 मई
/पीएनएसटी
पीएमटी 11 जून
-नईदुनिया

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