मामला मध्य प्रदेश के जनजातीय स्कूलों के शिक्षकों के ट्रांसफर का
ट्रांसफर की संभावित सूची में इंदौर संभाग के 124 शिक्षकों के नाम
शिक्षकों के ट्रांसफर की संभावित सूची लीक होने के बाद प्रदेशभर में हड़कंप
आदिम जाति कल्याण विभाग के कमिश्नर श्रीमन शुक्ल से कई बार संपर्क किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया
मध्यप्रदेश में करीब ढाई साल बाद 1 से 31 मई तक कर्मचारियों के तबादले होंगे। मंगलवार को डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट बैठक की ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी। एक मई से 31 मई तक पूरे राज्य में तबादलों की प्रकिया शुरू हो जाएगी। हालांकि इस बीच एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आ रहा है। दरअसल, इंदौर संभाग के आदिम जाति कल्याण विभाग या जनजातीय स्कूलों शिक्षकों के तबादलों की एक संभावित सूची सोशल मीडिया में लीक होकर वायरल हो गई है। सवाल उठ रहे हैं कि तबादलों के पहले ही ये संभावित सूची कैसे वायरल हो गई। क्या इसे लीक और फिर वायरल करने के पीछे किसी तरह की साजिश है। विभाग से जुड़े भोपाल के हमारे कुछ सूत्रों की मानें तो जानबूझकर यह सूची लीक की गई है, जिससे इसमें जोड़तोड़ की जा सके। बता दें कि शिक्षकों के ट्रांसफर के संभावित नामों की यह सूची वेबदुनिया के पास भी मौजूद है।
मीटिंग में होने की बात कहकर टाल दिया : इस पूरे मामले में विभाग का पक्ष जानने के लिए वेबदुनिया ने आदिम जाति कल्याण विभाग के कमिश्नर श्रीमन शुक्ल को उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया, तो उन्होंने जरूरी मीटिंग में होने की बात कहकर कॉल बैक करने के लिए कहा। लेकिन उन्होंने कॉल बैक नहीं किया। इसके बाद हमने उनसे चर्चा करने के लिए कई बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
कैसे लीक हुई संभावित सूची : बता दें कि 1 से 31 मई तक प्रदेशभर में शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादले होने हैं, लेकिन वेबदुनिया को भोपाल के सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक ईएमआरएस (मॉडल स्कूल का ग्रुप) के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर यह सूची किसी ने शेयर कर दी। हालांकि कुछ समय बाद इसे हटा लिया गया, लेकिन जब तक कि इसे हटाया जाता तब तक ग्रुप के कई सदस्यों ने सूची को डाउनलोड कर लिया था। बाद में यह कई लोगों के पास पहुंच गई।
क्या है पूरा मामला : प्रदेश के जनजातीय विभाग के एकलव्य विद्यालय का संचालन नेस्ट सोसायटी द्वारा किए जाने से यहां पदस्थ आदिम जाति विभाग के अमले के अन्यत्र पदस्थापना की संभावित सूची सोशल मीडिया पर वायरल होकर चर्चा का विषय बनी हुई है। बता दें कि इस सूची मे अधिकांश शिक्षकों को पूर्व जिले की पदस्थ संस्था में पद रिक्त बताकर तबादले की अनुशंसा की गई है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि क्या पूर्व संस्था में 10-15 साल बाद भी पद रिक्त हैं?
और भी कई गलतियां हैं सूची में : इतना ही नहीं, सूची में और भी कई तरह की गलतियां हैं। सूत्रों ने बताया कि इसमें ऐसे लोगों के नाम भी हैं जो नीति के विरुद्ध हैं। जैसे कोई शिक्षक जिस विषय का नहीं है, उसका विषय बदलकर ट्रांसफर की अनुशंसा की गई है। वैसे तो पूरे मध्यप्रदेश में ऐसा होने की जानकारी सामने आ रही है, लेकिन इंदौर संभाग की बात करें तो इस सूची में 124 शिक्षकों के नाम शामिल हैं।
क्या कोई साजिश है सूची लीक करने के पीछे : ट्रांसफर की ये सूची लीक होने के पीछे विभाग से जुड़े लोग कई तरह की आशंकाएं जाहिर कर रहे हैं। चर्चा हो रही है तबादले की यह सूची जानबूझकर या किसी साजिश के चलते सार्वजनिक की गई है। विभाग से जुड़े कुछ कर्मचारियों का मानना है कि यह सूची इसलिए लीक की गई है ताकि ट्रांसफर करवाने वाले या रुकवाने वाले कर्मचारी संपर्क करें और फिर इसके लिए जोड़तोड़ की जा सके।
संपर्क करने लगे कर्मचारी : यह भी कहा जा रहा है कि सूची लीक होने के बाद कई कर्मचारी अपने संबंधित कार्यालयों में संपर्क भी करने लगे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि जिस मकसद से सूची लीक की गई थी, वो पूरा होता नजर आ रहा है। लोगों का कहना है कि इतने महत्वपूर्ण विभाग की गोपनीय सूची कैसे लीक हो सकती है, कैसे ट्रांसफर की जानकारी अचानक सोशल मीडिया में वायरल हो सकती है।